आजमगढ़: अखाड़े के कलाकारों ने दिखाया युद्ध कौशल का हुनर

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प्रदर्शन देख हैरान निर्णायक मंडल नहीं ले सका फैसला
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। नवरात्र एवं विजयादशमी के अवसर पर नगर क्षेत्र में युद्ध कला का प्रदर्शन करने के लिए विख्यात रहे त्रिवेणी उस्ताद एवं फकीर उस्ताद के अखाड़ों के कलाकारों ने अपने हैरतअंगेज कर देने वाली कला से दर्शकों को हैरान कर दिया। इतना ही नहीं कलाकारों के प्रदर्शन से अचंभित निर्णायक मंडल भी कोई फैसला नहीं कर सका। अंत में दोनों अखाड़ों को विजेता घोषित करना पड़ा।
बताते चलें कि नगर में विगत कई दशकों से त्रिवेणी उस्ताद एवं फकीर उस्ताद के अखाड़े हर वर्ष विजयादशमी के अवसर पर परंपरागत तरीके से निकाले जाते हैं। विजयादशमी के दिन इन अखाड़ों के कलाकार शहर के मुख्य चौक पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। पूरी रात चलने वाले इस कार्यक्रम को देखने के भारी भीड़ उपस्थित रहती है। इस बार भी दोनों अखाड़े अपने निर्धारित स्थल पर पहुंचे और अपने उस्तादों की देखरेख में अखाड़े के कलाकार युद्ध क्षेत्र में प्रयोग किए जाने वाले अस्त्र और शस्त्र का शानदार प्रदर्शन किए कलाकारों ने बाना, बनेठी, गत्ता फरी, पट्टा, सच्चा बाना, तलवार, बल्लम, गड़ासा आदि हथियारों का प्रदर्शन कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। भोर में करीब तीन बजे दोनों अखाड़ों के हथियारों से सुसज्जित रथ आसिफगंज मोहल्ले में आमने-सामने हुए। यहां निर्णायक मंडल की मौजूदगी में कलाकारों ने अपना हैरतअंगेज प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों का उत्साह बढ़ाने के लिए भीड़ भी उनका साथ दे रही थी। कलाकारों के अनूठे करतबों को देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने को विवश हो गए। शनिवार की सुबह सात बजे तक चले कड़े मुकाबले में निर्णायक मंडल भी अपना फैसला नहीं सुना पाने की स्थिति में रहा। अंत में निर्णायक मंडल ने दोनों अखाड़ों के कलाकारों को विजेता घोषित किया। इस मौके पर श्री जगदीश जी हनुमान दल अखाड़े के प्रबंधक विभाष सिन्हा, राजेंद्र प्रसाद, श्रीचंद, गौतम सेठ, पिंटू, राजेश, मुन्ना, विनायक सरदार तथा बजरंग गोला दल अखाड़े के मनोज गुप्ता, राधेमोहन गोयल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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