जब दूल्हे को भी उतारनी पड़ी पैंट

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फर्रुखाबाद। हाथ में पैंट और सेहरा, घुटने तक बाढ़ का पानी। इसे पार कर जब पंखियन की मड़ैया निवासी मुनीश दूल्हा बन बारात लेकर निकले तो हर कोई निहारने लगा। घर से सज-संवर निकले मुनीश व बारातियों को नाव-बैलगाड़ी के जरिए बाढ़ पार कराई गई। पानी कम होने पर जब नाव फंसी तो दूल्हा समेत बारातियों ने पैंट उतारकर हाथ में ली और पैदल ही पानी मझा किसी तरह पार हुए।
कटरी धर्मपुर की ग्रामसभा पंखियन की मड़ैया निवासी यासीन ने अपने बेटे मुनीश की शादी शुक्लागंज, उन्नाव निवासी गफूर की बेटी के साथ तय की।
गांव में इन दिनों बाढ़ का पानी भरा हुआ है। सोमवार सुबह बारात निकलने को हुई तो उत्साह और खुशियों के बीच दूल्हे को सेहरा बांधा गया। बारातियों को मुख्य रोड तक पहुंचाने के लिए नाव, ट्रैक्टर और बैलगाड़ी लगाई गई। घर से निकलने के बाद दूल्हे को पहले नाव पर सवार होना पड़ा। कुछ बाराती भी साथ बैठे। सभी खुशी-खुशी नाव में सवार होकर निकले। नाव आगे बढ़ी लेकिन कुछ दूरी पर पानी कम होने से फंस गई।
इस पर दूल्हे समेत सभी बारातियों ने पैंट-जूते उतारे और मझाकर बाढ़ का पानी पार किया। पैंट और सेहरा हाथ में लेकर जैसे-तैसे मुनीश और उनके साथ बाराती मुख्य रोड पर पहुंचे। दूल्हे की हालत देख ग्रामीणों की भीड़ लग गई। यहां दूल्हे और बारातियों ने फिर से पैंट और जूते पहने, दूल्हे को सेहरा बांधकर फिर से तैयार किया गया। इसके बाद कुछ बाराती ट्रैक्टर में तो कुछ बैलगाड़ियों में सवार होकर शुक्लागंज के लिए निकले। बारातियों ने बताया गांव से निकलने के बाद पांच किलोमीटर का रास्ता उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।

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