उप्र सरकार का फैसला, प्रधानों के करीबी ग्राम रोजगार सेवक हटाए जाएंगे

Youth India Times
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रधानों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार द्वारा आदेशित किया गया है ग्राम पंचायतों में तैनात ग्राम रोजगार सेवक यदि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान के निकटतम संबंधी अथवा परिवार से हैं तो वह हटाए जाएंगे। इन पंचायतों में नए रोजगार सेवक का चयन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने ऐसे ग्राम रोजगार सेवकों को हटाने का निर्देश जिलों के जिलाधिकारी और जिला कार्यक्रम संयोजक को दिए हैं। 
पुराने रोजगार सेवक को काम पर कायम रखने के लिए यह व्यवस्था दी गई है कि पुराने ग्राम रोजगार सेवक के अनुभव का लाभ लेने के लिए उन्हें पास के किसी ग्राम पंचायत में वहां की पंचायत की सहमति से की जा सकती है। आपसी सहमति से दो ग्राम पंचायतें भी अपने ग्राम रोजगार सेवकों का परस्पर स्थानांतरण जनपद स्तरीय अधिकारी को प्रस्ताव भेज कर और प्रस्ताव पर सहमति लेकर कर सकती हैं। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में नव-निर्वाचित कई ग्राम प्रधानों के निकट परीवार के लोग मनरेगा योजना के तहत ग्राम रोजगार सेवक के पर पर तैनात हैं, जिससे विभागीय कार्यों की पारदर्शिता तथा गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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