आजमगढ़: सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर

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एक दशक पूर्व तत्कालीन काबीना मंत्री चन्द्रदेव राम यादव करैली ने किया था उद्घाटन
आजमगढ़। आजमगढ़-मऊ दोनों जनपदों की सीमा पर खण्ड विकास क्षेत्र सठियांव का आखिरी छोर पर बसे गांवों में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था को सुधारने के नाम पर करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर को चालू करने के लिए विभाग को अब और कितना समय लगेगा इस प्रश्न का उत्तर शायद किसी के पास नही है। दस वर्षों में विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर के परिसर में गन्दगी व घास का साम्राज्य के अलावा आम जनमानस में निराश व हताशा नजर आ रही है। जब यह बनकर तैयार हुआ तो लगा कि विकास के नया अध्याय शुरू हो गया है। लेकिन हालत यह है कि इस तरफ कोई राजनेता कोई अधिकारी पलट कर देखा तक नहीं। वीरान में इसका हाल जानने के लिए कोई भी नहीं है।
विधान सभा मुबारकपुर के तत्तकालीन विधायक एवं प्रदेश सरकार में काबीना मंत्री चन्द्र देव राम यादव करैली ने इसका उद्घाटन जुलाई सन् 2011 मंे किया था। जनता की मांग पर करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित भवन में मशीन, तार, खम्भे, ट्रान्सफार्मर हर मशीनें के जाल से यह अपनी चमक दमक से मानो जगमगा उठा, पर कनेक्शन का बटन दबाकर विद्युत आपूर्ति की प्रतीक्षा में धीरे-धीरे एक दशक का समय बीत गया लेकिन आज तक नहीं चालू नहीं हो सका। रख-रखाव के अभव में यहां पर गन्दगी और घास का साम्राज्य कायम है। लाखों रुपए की मशीनें तार नोचन चोथन अपनी विनाश की कहानी खुद ही बयां कर रहे हैं। अब इस तरफ कोई राजनेता कोई अधिकारी पलट कर नहीं देखता तो इसकी बदहाली के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना समझ से परे है। 
इस सम्बंध में एसडीओ जितेंद्र मौर्या ने बताया कि इसका प्रपोजल बना कर भेज दिया गया है। अब आला अधिकारियों के आदेश के बाद ही कुछ काम आगे हो सकता है। किसानों व बुनकरों की संख्या अधिक होने के कारण यह क्षेत्र बिजली के सहारे अपने कामकाज पर निर्भर है। गैर जनपद मऊ के हलीमाबाद विद्युत उपकेंद्र से आपूर्ति की जाती है। लगभग दर्जन भर गांवों में पड़ोस जनपद से बिजली की आपूर्ति हो रही है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मांग पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद यह विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर बना तो लगा कि अब यहां के लोगों को असुविधा का सामना करना नहीं पड़ेगा। इस सम्बंध में मुहल्ले के लोगों का कहना है कि सरकार की उपेक्षा के चलते विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर बना बदहाल है। उजाला के नाम पर बन यह विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर खुद अन्धकार में बदहाली की अन्तिम सांस गिन रहा है। 
इस सम्बंध में प्रमुख समाज सेवी मुहम्मद नसीम ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इसका उद्घाटन आनलाइन लखनऊ से किया। उसके बाद सपा के कार्यकाल में भी इसको कोई पूछने वाला नहीं था और आज भाजपा के समय में भी हालात जस के तस नजर आ रही है। अगर नहीं चालू किया गया तो हम लोगों को सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा। फैसल नईम का कहना है कि इब्राहीमपुर, ओझौली, असाउर, पिचरी, मोइनाबाद, गोछा, देवकली तारन, नराव आदि गांवों में बिजली की आपूर्ति पड़ोस जनपद से होती है। विद्युत उपकेंद्र पिचरी जलालपुर के चालू होने के बाद हम अपने जनपद में आत्म निर्भर बनने की दिशा में सकारात्मक कदम होगा।
किसान राजू यादव ने कहा किसान व बुनकरों के हित में यह केन्द्र चालू किया जाना चाहिए। हम लोगों की मांग है कि सरकार ध्यान दें वरना आगामी विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की जनता अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बाध्य हो जाएगी। बुनकर मजदूर खर्शीद आलम ने बताया कि बिजली के सहारे हम बुनकर मजदूर पावरलूम हथकरघा उद्योग के बल पर अपनी जीविका चलाते हैं। डाक्टर इमरान अहमद का कहना है कि सरकार बिजली के उक्त केन्द्र चालू न कर इस क्षेत्र की जनता के साथ उपेक्षा किया है।इस का जवाब विधान सभा चुनाव में खिलाफत कर देंगे।

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