आजमगढ़: पलिया मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने खोला मोर्चा

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ट्वीट करके पुलिस कार्रवाई पर उठाया सवाल, पीड़ितों से मिलेगा बसपा का प्रतिनिधिमण्डल
आजमगढ़। जनपद के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में अनुसूचित जाति के लोगों के घर में तोड़फोड़ व महिलाओं से बदसलूकी मामले को गंभीरता से लेते हुए बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार से अनुसूचित जाति के लोगों पर जुल्म करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और आर्थिक नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। बसपा सुप्रीमों ने यह भी कहा है कि मामला गंभीर है, पार्टी के पूर्व एमएलए गया चरण के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल गांव पहुंचकर पीड़ितों से मिलेगा। उन्होंने अत्याचारियों के दवाब में जुल्म करने की बात लिखी है। इधर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के मामले में दखल देने के बीच कांग्रेस का धरना तीसरे दिन भी जारी है। आजाद समाज पार्टी पहले से ही लड़ाई में कूद चुकी है।
बताते चलें कि 29 जून को पलिया गांव के समीप मंगरी बाजार में दो पक्षों में हुई मारपीट की खबर पर पुलिस वहां पहुंची थी। वहां बातचीत चल रही थी कि प्रधानपति व सिपाहियों में कुछ कहासुनी हो गई थी। उसी विवाद में ग्रामीणों ने पुलिस वालों को पीट दिया था। उस घटना की नाराजगी में पुलिस ने पलिया गांव में तोड़फोड़ की थी। उसी के बाद ग्रामीणों का आक्रोश गहरा गया है। हालांकि, पुलिस ने तोड़फोड़ किए जाने की घटना से इंकार किया है। गांव में पुलिस की ज्यादती के विरोध में महिलाएं मुखर हुई हैं। उनका कहना है कि किसने क्या किया? इसकी जांच करके कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस ऐसा करने की बजाए गांव में बहुतेरे लोगों के घरों में तोड़-फोड़ की। चार मकानों को तोड़ डाले, जिसे किसी दशा में न्याय नहीं कहा जा सकता। गांव की सैकड़ा महिलाएं कहीं न्याय की गुहार लगाने जाने की बजाए शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दीं, जो मगलवार को भी बदस्तूर रहा। महिलाओं संग कांग्रेस के प्रदेश सचिव मोहम्मद शमशाद, अजीत राय, शाहिद, रविकांत तिवारी, दिनेश यादव, संतोष सिंह, अरविंद, एहसान खान, अमित कुमार राणा पूनम नीलम शिवांगी कलावती, सरिता, मंजू, भीम आर्मी के सोनू आर्य आदि मौजूद रहे।

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