डीआईजी को प्रार्थना पत्र देकर अपनी जान माल की सुरक्षा की लगाई गुहार आजमगढ़। प्रेम विवाह विवाह न होकर नासूर साबित हो रहा है कहावत न घर के रहे न घाट चरितार्थ होने लगी है। वाक्या यह है कि पुरानी कोतवाली शहर निवासी संतोष वर्मा पुत्र कौशल प्रसाद ने 12 वर्ष पहले बलिया शहर की नेहा सोनी से प्रेम विवाह किया। प्रेम विवाह के बाद संतोष की पत्नी नेहा सोनी उसके पिता राजेन्द्र सेठ व भाई उस पर लगातार दबाव बनाने लगे कि वह आजमगढ़ छोड़कर बलिया रहे और जब वह बलिया जाकर रहने लगा तो उस पर दबाव बनाने लगे कि वह संपत्ति बेचकर सारा पैसा नेहा सोनी को दें। पैतृक संपत्ति बेचने से जब संतोष ने इंकार किया तो उसे जान से मारने की धमकी देते हुए प्रताड़ित किया जाने लगा। अपने जान को खतरे में देखते हुए संतोष ससुराल से छिपकर आजमगढ़ भाग आया। इसके बावजूद उसको गत एक सप्ताह से आधा दर्जन मोबाईल फोनों से काल कर धमकी दी जा रही है और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। संतोष ने अपने ससुराली जनों के दबाव में आकर आजमगढ़ स्थित कुछ संपत्ति को बेच दिया और घूम घूमकर छोटे मोटे रोजगार कर अपना जीवन यापन कर रहा है। संतोष के भाई अभिषेक वर्मा पर भी संतोष की पत्नी व ससुराली जन लगातार फोन करके परेशान कर धमकी दे रहे है। अभिषेक वर्मा व संतोष वर्मा ने नेहा सोनी व उसके परिजनों से परेशान होकर व्यापारी नेता पद्माकर लाल वर्मा उर्फ घुट्टूर के साथ डीआईजी के यहां जाकर अपनी व्यथा सुनाते हुए दोनों भाईयों ने अलग अलग प्रार्थना पत्र देकर अपने जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई।