यूपी पंचायत चुनाव : अपनों को नहीं जिता सके मंत्री और विधायक

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लखनऊ। पंचायत चुनाव ने सत्ता और विपक्ष के कई विधायकों, सांसदों यहां तक कि मंत्रियों तक को हैरत में डाल दिया है। ये दिग्गज अपने गांव में ही अपने परिवार के सदस्य को प्रधान यहां तक कि क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव नहीं जिता सके। मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री के भतीजे गांव में प्रधान पद का चुनाव हार गए। निकटतम प्रतिद्वंदी ने मंत्री के भतीजे को 201 वोटों से हरा दिया। इसी प्रकार बस्ती जिले के हर्रैया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अजय सिंह की सगी भाभी कविता सिंह क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं। यह दोनों सूचनाएं शाम से ही सोशल मीडिया पर खूब चलीं।
वहीं, पंचायत चुनाव में जिस बड़ी तैयारी के साथ भाजपा मैदान में उतरी थी मतगणना के शुरूआती रूझानों से उसके नतीजे आते नजर आ रहे हैं। रात दस बजे तक भाजपा खेमे में जिलों से पहुंची सूचना के आधार पर दावा किया जा रहा है कि जिला पंचायत सदस्य की 70 फीसदी सीटों पर भाजपा को जीत मिल सकती है। अंतिम परिणाम आने का इंतजार हो रहा है जो कि सोमवार दोपहर तक आ जाने की उम्मीद की जा रही है।
भाजपा ने जिला पंचायत की सभी 3052 सीटों पर पार्टी से समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। जीत हासिल करने के लिए व्यापक तैयारी के साथ पार्टी ने काम भी किया। पहले चरण के मतदान के बाद कोरोना के भयावह प्रसार के बाद तैयारियां बाधित हुईं तो भाजपा के बड़े नेताओं ने वर्चुअली बैठकों के माध्यम से अपनी तैयारी को रफ्तार दी थी। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पंचायत चुनाव के प्रभारी विजय बहादुर पाठक के मुताबिक रात दस बजे तक उन्होंने करीब आठ सौ जिला पंचायत वार्डों के रूझानों की जानकारी हासिल की थी। रूझान पार्टी की उम्मीदों के अनुकूल दिख रहे हैं। रूझान परिणाम में तब्दील हुए तो जिला पंचायत की करीब 70 फीसदी सीटें भाजपा जीत जाएगी।
शुरूआती रूझानों के आधार पर माना जा रहा है कि जिला पंचायत की यदि 70 फीसदी सीटें भाजपा जीत जाती है तो अधिकांश जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पर पार्टी की जीत आसान हो जाएगी। अंतिम परिणाम आने के बाद पार्टी इस मुद्दे पर बैठक कर आगे की रणनीति बनाएगी।

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