कोरोना : यूपी सरकार को केन्द्र की सहमति का इंतजार

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पल्स पोलियो अभियान की तरह यूपी में घर-घर कोरोना वैक्सीनेशन पर कर रही विचार


लखनऊ। कोरोना के संक्रमण में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए राज्य सरकार केन्द्र की सहमति मिलने पर पल्स पोलियो अभियान की तरह प्रदेश में डूर टू डूर कोरोना टीकाकरण कराने पर विचार कर रही है। इससे मलिन बस्तियों के अलावा घनी आबादी वाले और दूर दराज के क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण भी आसानी से हो सकेगा। 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन कवरेज कराने के लिए राज्य सरकार इसके लिए केन्द्र सरकार से अनुमति भी लेने जा रही है।
प्रदेश के अधिकारियों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में इस मुद्दे को उनके सामने रखा भी है। इस सम्बन्ध में एक प्रस्ताव केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सोमवार तक भेजने की तैयारी है। राज्य सरकार ने इसके लिए अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। सबसे अधिक ध्यान कोल्ड चेन को पुख्ता रखने पर केन्द्रिय किया जा रहा है ताकि टीके के इस्तेमाल तक वह पूरी तरह से सुरक्षित रह सके। इसके लिए जिले स्तर पर ऐसे जगहों को चिन्हित किया जा रहा है जहां तक वैक्सीन स्टोर से तय समय सीमा के भीतर टीके को पहुंचाया जा सके। यह स्थान टीकाकरण क्षेत्र के निकट होगा।
सॉफ्टवेयर में भी बदलाव की तैयारी- कोविड के टीके लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जो व्यवस्था है उसके साफ्टवेयर में बदलाव कर उसे डोर टू डोर टीकाकरण के अनुरूप बनाया जाएगा।
हर घंटे पंजीयन की सुविधा-कोरोना टीकाकरण के लिए सुबह और दोपहर को अप्वाइंटमेंट दिए जाने की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव कर हर घंटे या दो घंटे के अंतराल की सुविधा दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा ताकि वैक्सीनेशन के दौरान जरूरत के अनुसार अप्वाइंटमेंट का समय फीड कर टीकाकरण के कार्य को तेज रखा जा सके।
टीकाकरण के समय में भी बदलाव की तैयारी
टेन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार टीकाकरण केन्द्रों पर सुबह 09.00 बजे से रा के 09.00 तक टीकाकरण किए जाने की व्यवस्था की गई है। परन्तु डूर-टू डूर वैक्सीनेशन अभियान को 06.00 या 07.00 बजे से शुरू कर रात के 10 बजे तक करने की तैयारी है। इससे स्लम व मलीन बस्तियों में रहने वाले कमजोर तबके के अधिक से अधिक लोग जो दिहाड़ी पर काम करने वाले होते हैं टीके का लाभ पा सकेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का नाम नहीं छापने की शर्त पर कहना है कि कम समय में अधिक से अधिक लोगों को टीके लगाने के लिए इस तरह के बदलाव जरूरी हैं बशर्ते कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार को इसकी अनुमति दे दे।

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