कोवैक्सीन लगने के 22 दिन बाद कोरोना से मेडिकल छात्र की मौत

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नई दिल्ली | सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार लगाई जा रही वैक्सीन एकदम सुरक्षित हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज के एक छात्र की वैक्सीन लगने के 22 दिन बाद कोरोना से मौत होने की रिपोर्ट सामने आई है।
फाइनल इयर में पढ़ने वाले एमएबीबीएस के छात्र की वैक्सीन लगवाने के 22 दिन बाद कोरोना से मौत हो गई। शुभम के बैचमेट आनंद भूषण बताते हैं कि नलांदा मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले शुभेंदु शुभम 23 साल के थे. उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में कोवैक्सीन की पहली खुराक ली थी। लेकिन इसके बाद भी कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे, टीके की दूसरी खुराक लेने से पहले ही वो पॉजीटिव पाए गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा टीके की दोनों खुराक लेने के 14 दिन बाद पैदा होती है. दूसरा टीका पहले टीका लेने के 28 दिन बाद लगाया जाता है. भूषण ने कहा, "शुभम ने 24 फरवरी को NMCH में कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया और तुरंत अपने गृहनगर बेगूसराय के लिए रवाना हो गए।"
शुभम को शुरू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था और बाद में जीडी कॉलेज के पास एक निजी स्वास्थ्य सुविधा में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत बहुत जल्दी बिगड़ गई और सोमवार को रात लगभग 10.30 बजे अस्पताल में भर्ती होने के दूसरे दिन उनकी मृत्यु हो गई।
बेगूसराय के सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार झा ने मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “छात्र ने 25 फरवरी को पटना में सकारात्मक परीक्षण किया था। उन्हें 27 फरवरी को बेगूसराय में एक निजी स्वास्थ्य सुविधा में भर्ती कराया गया था, जहां कल देर रात उनका निधन हो गया। मुझे नहीं पता कि उन्हें पहले से कोई बीमारी थी या नहीं, अभी उनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ।”
एनएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ हीरालाल महतो ने कहा कि उन्हें मंगलवार को छात्र की मौत के बारे में पता चला। प्रिंसीपल ने कहा कि उन्होंने पूरे अस्पताल और छात्रावास के सैनेटाइजेशन का आदेश दिया था।

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