अविवाहित महिला रिक्रूटों के प्रेग्नेंसी टेस्ट का दिया था विवादित आदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए गोरखपुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में अविवाहित महिला रिक्रूटों के प्रेग्नेंसी टेस्ट के विवादित आदेश पर कड़ा एक्शन लिया है। इस मामले में पीटीएस के डीआईजी/प्रधानाचार्य रोहन पी. कनय को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है। साथ ही कमांडेंट आनंद कुमार और आरटीसी प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है।
गोरखपुर पीटीएस में महिला रिक्रूटों के प्रशिक्षण के दौरान अविवाहित प्रशिक्षुओं के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने का आदेश जारी किया गया था। डीआईजी रोहन पी. कनय ने इसके लिए सीएमओ को पत्र भी लिखा था। इस आदेश से महिला रिक्रूटों में भारी नाराजगी फैल गई। मामला तूल पकड़ने पर आईजी ने हस्तक्षेप किया और आदेश को निरस्त करते हुए निर्देश दिया कि नियमानुसार केवल शपथ पत्र ही लिया जाएगा।
प्रेग्नेंसी टेस्ट के विवाद के बीच पीटीएस में बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी ने रिक्रूटों का आक्रोश और बढ़ा दिया। बुधवार सुबह रिक्रूटों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बावजूद, उन्हें समझाने के बजाय धमकाने की कोशिश की गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। मामला पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा, जिसके बाद योगी सरकार ने त्वरित कार्रवाई की।
महिला रिक्रूटों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए योगी सरकार ने पीटीएस और पीएसी में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर कड़ा रुख अपनाया। डीआईजी रोहन पी. कनय को हटाने के साथ ही कमांडेंट आनंद कुमार और आरटीसी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। सरकार ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
योगी सरकार ने इस घटना के बाद साफ कर दिया है कि प्रशिक्षण केंद्रों में सुविधाओं और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस मामले ने पुलिस प्रशिक्षण व्यवस्था में सुधार की जरूरत को भी उजागर किया है।







