आजमगढ़। लालगंज तहसील में शुक्रवार सुबह उस समय हंगामा मच गया, जब एक फर्जी वकील ने अधिवक्ताओं के साथ गाली-गलौज और धमकी देने का सिलसिला शुरू कर दिया। घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जानकारी के अनुसार, अधिवक्ता अशोक अस्थाना ने लालगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को दी गई तहरीर में बताया कि वह सुबह 10:30 बजे उपजिलाधिकारी कार्यालय में एक मुकदमे (फूलेंद्र बनाम विश्वनाथ, धारा 38(6), ग्राम-मुडेहरी) की तारीख के संबंध में जानकारी ले रहे थे। उसी दौरान रविंद्रनाथ राजभर, जो तरवा (झोरिया) का निवासी बताया गया, वहां पहुंचा और पेशकार कमरुद्दीन से उक्त फाइल की तारीख पूछने लगा। पेशकार ने 22 मई 2025 की तारीख बताई, जिसके बाद रविंद्रनाथ ने फाइल अपने कब्जे में लेने की कोशिश की। पेशकार ने उसे फाइल देने से मना कर दिया और कहा कि केवल उपजिलाधिकारी के आदेश पर फाइल दी जाएगी।
अशोक अस्थाना ने बताया कि वह उक्त मुकदमे में वकालतनामा दाखिल करने के लिए मौजूद थे। जब उन्होंने रविंद्रनाथ को बताया कि वह वकील नहीं है, बल्कि केवल पैरवी करने आया है, तो रविंद्रनाथ भड़क गया। उसने अशोक अस्थाना से उनके वकील होने का सबूत मांगा। अस्थाना ने अपना पहचान पत्र दिखाया, लेकिन रविंद्रनाथ ने अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी और धमकी दी कि "मैं तुम्हें ठीक कर दूंगा।"
इस दौरान वहां मौजूद अन्य अधिवक्ता, जिनमें संतोष सिंह, देवेंद्र नाथ पांडेय, विजय प्रकाश पांडेय, धर्मराज, रतीश तिवारी, नित्यानंद, विजय प्रजापति, नगीना प्रजापति आदि ने रविंद्रनाथ को फर्जी वकील बताते हुए उससे प्रमाण मांगा। प्रमाण न दे पाने पर अधिवक्ताओं ने स्थानीय पुलिस चौकी को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने रविंद्रनाथ को हिरासत में ले लिया। अधिवक्ता अशोक अस्थाना ने अपनी तहरीर में मांग की है कि फर्जी वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस घटना से तहसील में कार्यरत अधिवक्ताओं में आक्रोश है। उनका कहना है कि फर्जी वकीलों के कारण उनकी कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है, और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।