पीड़ित ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंप लगाईन्याय की गुहार
नायब, कानूनगो और अन्य कर्मचारियों पर मिलीभगत का लगाया आरोप
आजमगढ़। जिले के हथिया निवासी विनय सोनकर ने जिलाधिकारी को संबोधित एक शिकायती पत्र में तहसील सदर के कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विनय का दावा है कि उनकी जमीन से संबंधित एक मुकदमे की पत्रावली से महत्वपूर्ण अदालती आदेश को गायब कर दिया गया है, जिसके पीछे नायब, कानूनगो और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत है।
विनय के अनुसार, उनका जमीन विवाद का मामला सीओ सदर के समक्ष चल रहा था, जिसमें विपक्षी ने कथित तौर पर अनैतिक तरीके से 26 मार्च 2025 को अपने पक्ष में आदेश पारित करा लिया। इसके खिलाफ विनय ने एसओसी के समक्ष अपील दायर की, जिसके तहत 26 अप्रैल 2025 को सीओ सदर के उक्त आदेश पर स्टे मिल गया। यह आदेश अमल दरामद विभाग को भेजा गया था। हालांकि, जब विनय ने 28 अप्रैल 2025 को विभाग में अपनी पत्रावली की स्थिति जानी, तो पता चला कि सीओ जितेंद्र सिंह के निर्देश पर नायब, कानूनगो राधेश्याम वर्मा, कानूनगो खुर्शीद, पेशकार शैलेंद्र चौहान और सहायक उदयराज ने मिलकर उनकी पत्रावली से 26 अप्रैल का स्टे आदेश गायब कर दिया। विनय का आरोप है कि यह षड्यंत्र उनकी अपूरणीय क्षति पहुंचाने के इरादे से किया गया।
विनय ने इस घटना की जानकारी विभाग के अन्य अधिकारियों को दी, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन, उन्होंने जिलाधिकारी से उक्त अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। विनय सोनकर ने कहा, "मैंने सभी नियमों का पालन किया, लेकिन अधिकारियों की साठगांठ ने मुझे न्याय से वंचित कर दिया। मैं चाहता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।"