दबिश की रात मोबाइल बंद कर सोती रही एसओजी , 6 दारोगा लाइन हाजिर

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समीक्षा हुई तो हैरान रह गए अधिकारी, एसओजी पर लटकी कार्रवाई की तलवार
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में 2 मई को कारगिल चौराहा (सिकंदरा) के पास बालाजी ज्वैलर्स की दुकान में लूट और सराफा कारोबारी योगेश चौधरी की हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार की समीक्षा में खुलासा हुआ कि जांच के लिए बनाई गई कई टीमों ने काम नहीं किया। कुछ पुलिसकर्मी दबिश के दौरान मोबाइल बंद कर सो गए थे। नाराज पुलिस आयुक्त ने सिकंदरा और न्यू आगरा थाने के छह दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया है। कई थाना प्रभारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
पुलिस आयुक्त ने शुक्रवार रात अधिकारियों की बैठक में मामले की समीक्षा की। इसमें सामने आया कि कई पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने सिकंदरा थाने की प्राक्षी टॉवर चौकी प्रभारी बबलू पाल, एसएसआई सुनील कुमार, एसआई अरविंद कुमार, एसआई नरेंद्र कुमार, न्यू आगरा थाने की डिवीजन चौकी प्रभारी अखिलेश कुमार और दयालबाग चौकी प्रभारी अमित कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। इन सभी को लाइन में नियमित मुल्जिम ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 5 मई की रात बदमाशों की सटीक लोकेशन मिली थी। लेकिन जब पुलिसकर्मियों को दबिश के लिए फोन किया गया, तो उनके मोबाइल बंद मिले। बाद में उन्होंने अलग-अलग बहाने बनाए। पुलिस आयुक्त ने इसे गंभीरता से लिया और डीसीपी व एडीसीपी को लापरवाह पुलिसकर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुरानी एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को भंग कर नई टीम बनाई जाएगी। नई एसओजी में उन सिपाहियों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने इस मामले में मेहनत की और सुराग जुटाए। पुलिसकर्मियों से पूछा गया है कि कौन एसओजी में काम करना चाहता है। साक्षात्कार के बाद चयन होगा।
2 मई को हुई लूट और हत्या के मामले में पुलिस ने 6 मई को खुलासा किया था। मुठभेड़ में मुख्य आरोपी अमन मारा गया था, जबकि उसके भाई और पिता को जेल भेजा गया। 50 हजार का इनामी बदमाश फारुख अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
समीक्षा में कई थाना प्रभारियों की लापरवाही भी उजागर हुई। ये घटना के बाद खुलासे के लिए लगाए गए थे, लेकिन जरूरत के समय गायब रहे। पुलिस आयुक्त ने साफ कहा कि जल्द ही इन थाना प्रभारियों को भी लाइन हाजिर किया जाएगा।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा, “लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जो मेहनत और ईमानदारी से काम करेंगे, उन्हें मौका मिलेगा।” इस घटना ने आगरा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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