लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बुधवार को मौसम के अचानक बिगड़ने से कई हिस्सों में भारी तबाही मची। आंधी, बारिश और वज्रपात के कारण कई लोगों की जान चली गई, जबकि कई घायल हो गए। पश्चिमी यूपी के दिल्ली से सटे जिलों में सबसे ज्यादा प्रभाव देखा गया। इस प्राकृतिक आपदा ने आम की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है, वहीं तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
गोरखपुर के एम्स थानाक्षेत्र के रजही में वज्रपात से 19 वर्षीय धीरज मौर्या की मौत हो गई, जबकि उनकी मां कैलाशी देवी (48) गंभीर रूप से झुलस गईं। दोनों खेत में भिंडी तोड़ रहे थे, जब यह हादसा हुआ। कैलाशी की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, कुशीनगर के कसया क्षेत्र में बारिश के दौरान पेड़ गिरने से 14 वर्षीय कृष्णा की मौत हो गई, जबकि उसकी बहन ममता घायल है। रामकोला क्षेत्र में विजयपुर गांव की मानती देवी (46) झोपड़ी के हवा में उड़ने से मलबे में दबकर मर गईं।
निघासन के मझगईं थाना क्षेत्र में आंधी से दीवार और छप्पर गिरने से रक्षपाल सिंह (45) और उनकी 10 वर्षीय बेटी रमनदीप की मौत हो गई। रक्षपाल की पत्नी सर्वजीत कौर (40), दूसरी पत्नी सीता कौर (38) और बेटा गुरजीत (13) घायल हैं। ग्रंट नंबर 12 में 80 वर्षीय फुलवासा की टिनशेड गिरने से मृत्यु हो गई।
गाजियाबाद के संजयनगर में बरगद का पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हुए, जबकि मधुबन बापूधाम में पेड़ गिरने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। खोड़ा में स्कूल की दीवार गिरने और निडौरी में नाले में गिरने से दो महिलाओं की जान चली गई। मेरठ में दो, अलीगढ़ में एक, सोनभद्र में दो और झांसी में एक व्यक्ति की मौत हुई। बिजनौर में पेड़ गिरने से एक सिपाही की जान चली गई। आंधी-तूफान के कारण कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए, जिससे सड़कें बाधित रहीं। शहर के अंडरपास में जलभराव से वाहन फंस गए। मौसम ने लोगों को गर्मी से राहत दी, लेकिन जलभराव और पेड़ों के टूटने से दिक्कतें बढ़ीं।
आंधी-बारिश से आम की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है, जिससे किसानों में चिंता है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।