भाजपा के दो नेताओं के बीच सियासत गरमाई

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पूर्व राज्यमंत्री ने पूर्व सांसद पर लगाया हमले का आरोप

वायरल ऑडियो में खुलेआम एक दूसरे पर लगाए जा रहे हैं आरोप
कन्नौज। कन्नौज जिले में पूर्व राज्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश पाल पर हमले के बाद इत्रनगरी में एक बार फिर से सियासी दरार आ गई है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी सतीश पाल व सुब्रत पाठक के ऑडियो वायरल हुए थे। अब एक-दूसरे पर खुलेआम आरोप लगाए जा रहे हैं।
हालांकि पार्टी या संगठन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सतीश पाल ने दावा किया कि वह पार्टी हाईकमान से मिलकर ऐसे लोगों को बाहर कराएंगे, जो सत्ता में रहकर पार्टी की छवि को धूमिल कर रहे हैं और उनके ऊपर साजिशन हमले कर रहे हैं। वह सरकार की नीतियों के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं।
पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल और पूर्व सांसद सुब्रत पाठक
पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें बताया कि पूर्व सांसद सुब्रत पाठक के इशारे पर उन पर दो बार हमला हो चुका है। पहला हमला 20 फरवरी 2024 को औरैया जिले में हुआ था, तो दूसरा हमला छिबरामऊ के तिलोकापुर में दो मार्च 2025 को किया गया। इसमें दोनों स्थानों पर पूर्व सांसद के ही समर्थक थे। वह मंच पर नशामुक्ति के खिलाफ बोल रहे थे, कोई अनर्गल टिप्पणी नहीं की, फिर भी उनके ऊपर हमला किया गया।
वह पाल, बघेल, गड़रिया चरवाहा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और संगठन के एक कार्यकर्ता के बुलावे पर गए थे। लोकप्रियता और जनसमर्थन से घबराकर उनके ऊपर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया। सरकारी गनर की कार्बाइन व प्राइवेट गनर से लाइसेंसी राइफल छीनने का प्रयास किया गया। पुलिस उनका सहयोग कर रही है। वह पार्टी हाईकमान को सभी साक्ष्य दिखाकर पार्टी की छवि धूमिल करने वालों को बाहर कराएंगे।
पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने बताया कि उन्हें सतीश पाल से कोई लेनादेना ही नहीं है। उनकी ही बिरादरी के लोग उनके खिलाफ हैं, जबकि वह एक जातीय संगठन बनाकर गोलबंदी कर रहे हैं। औरैया में भी उनकी ही पाल बिरादरी के लोगों ने हमला किया था, यही तिलोकापुर गांव में हुआ। इसमें उनका व छिबरामऊ ब्लॉक प्रमुख पति बादाम सिंह पाल का नाम लोकप्रियता हासिल करने के लिए घसीट रहे हैं। पूर्व राज्यमंत्री को आत्ममंथन करना चाहिए कि आखिरकार उनके ही समाज के लोग उनसे खिलाफ क्यों हो रहे हैं। फिलहाल इस प्रकरण से उनका कोई वास्ता नहीं है।
शनिवार देर शाम ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बादाम पाल ने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि उनका इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है। सतीश पाल ने व्यास गद्दी से संबोधन के दौरान उनके परिवार व समाज पर अशोभनीय टिप्पणी की थी। इससे नाराज गांव के लोगों से बहस हुई थी। मारपीट या धमकाने जैसे कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सतीश पाल गांव के एक सपा नेता आशीष पाल के बुलावे पर श्रीमद्भागवत कथा पंडाल पहुंचे थे।
अपने संबोधन के दौरान सांस्कृतिक मंच से उन्होंने राजनीतिक बातें की। सतीश पाल ने यह तक कहा कि उन्होंने बिधूना में सभी नेता खत्म कर दिए। वर्ष 2024 में कन्नौज ढहा दिया। वर्ष 2027 में छिबरामऊ का किला भी ढहा देंगे। साथ ही मंच पर समाज के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया। सतीश पाल के बेटे ने जो वीडियो ने बनाया है, उसको बिना एडिट किए सार्वजनिक कर दें, तो सभी के सामने सच्चाई आ जाएगी। वार्ता के दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिध राहुल पाल, पूर्वी सहकारी समिति के अध्यक्ष मुनीश मिश्रा मौजूद रहे।

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