बुनकरों के लिए दिल बड़ा करे सरकार, दिया जाय विशेष पैकेज
बिजली, रोडवेज और धागा सेंटर सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर गुड्डू जमाली ने सदन में बुनकरों की किया वकालत
आजमगढ़। विधान परिषद् सदस्य शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली द्वारा विधान परिषद में बजट में बुनकरों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सरकार से बुनकरों के लिए विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम से 300 करोड़ की प्रस्तावित टैक्सटाइल्स पार्क को आजमगढ़ मंडल में बनाये जाने की बात कही।
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद् सदस्य शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि कृषि के बाद हथरकघा उद्योग प्रदेश में सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला कुटीर उद्योग है, सरकार भी बुनकरों को प्रदेश का महत्वपूर्ण मुख्य अंग मानती है, किसानों के बाद रोजगार मुहैया कराने में प्रदेश में बुनकरों का दूसरा स्थान है लेकिन इन्हें दिया क्या जा रहा है। बुनकरों के लिए दिल इतना छोटा क्यों है। उन्होंने कहा कि वे मुबारकपुर विधानसभा से दो बार लगातार विधायक हुए, जहां एक लाख से ऊपर बुनकर भाईयों की आबादी है, मैं उनके हर दुख दर्द, जीवनशैली उनकी जीविका हर चीजों को भली-भांति जानता हूं। सरकार को विपक्ष की बातों को भी सकारात्मक रूप से लेते हुए बुनकरों के लिए पैसों का और प्रोविजन करना चाहिए।
उन्होंने सपा संस्थापक को याद करते हुए कहाकि पहले जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तो बुनकरों को 70 रूपए में सामान्य रेट पर बिजली देते थे, अब वह खत्म कर दिया गया। इस सरकार में बुनकरों को अर्द्ध हाफ पर चार सौ रुपए देना पड़ रहा है, उसके ऊपर एक हो जाए तो 7 सौ रूपए देना है, तो यह बुनकरों पर अत्यधिक भार है। एमएलसी शाह आलम ने मांग किया कि बुनकर की स्थिति को देखते यह चार्ज ज्यादा से ज्यादा दो सौ रूपया कर दीजिए। इसके साथ ही बनारस में बनाये गये धागा सेंटर की तरह एक सेंटर आजमगढ़ में भी खुलवा दिया जाए। उन्होंने सपा सरकार में मुबारकपुर में बनाये गये रोडवेज का संचालन के साथ इसे वाराणसी से गोरखपुर वाया मुबारकपुर रूट से जो बसों संचालित होती थी उन बसों को चालू कराया जाए।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तब मुबारकपुर में एक बुनकर विपणन केंद्र भी बना था। मंशा यह थी कि मुबारकपुर के साथ साथ बगल में मऊ के बुनकरों के दो से ढ़ाई लाख की आबादी को विपणनकेंद्र से जोड़ा जाए और उन्हें साप्ताहिक मेला लगाकर लांभवित किया जाए। इतना हीं नहीं, उन्होंने मुबारकपुर की साड़ी जो पूरी दुनिया में जाती है वह बनारसी के नाम से विख्यात है वह साड़ी मुबारकपुर में बनती है। विपणन केंद्र भी सुचारू रूप से संचालित करा दिया जाए तो बुनकरों को बड़ा फायदा होगा।