छात्र नेता से एमएलए का सफर, अतुल अब लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

Youth India Times
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दो बार हार के बाद भाजपा के फायरब्रांड नेता को हराया

मेरठ। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से सपा के प्रत्याशी बनाए गए अतुल प्रधान सरधना के मौजूदा विधायक हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ कैंपस की छात्र राजनीति से अपना कॅरिअर शुरू करने वाले अतुल प्रधान सपा छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। अतुल प्रधान पहली बार सरधना सीट पर 2012 में सपा के सिंबल पर विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के संगीत सोम से चुनाव हार गए और तीसरे नंबर पर रहे। इसके बाद से उनकी पहचान सपा नेता के रूप में होने लगी। अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तो अतुल प्रधान ने कस्बा फलावदा में 21 मार्च 2015 को सद्भावना रैली का आयोजन कराया था, इसके वह संयोजक थे। इस रैली में समर्थकों की बड़ी भीड़ पहुंची थी। इसके बाद से ही इन्हें अखिलेश का करीबी बताया जाता है। साल 2017 में भी सपा ने अतुल को ही प्रत्याशी बनाया। इस बार भी उन्हें हार मिली। भाजपा के संगीत सोम जीते, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में सरधना सीट पर पहली बार साइकिल दौड़ी। सपा-रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान 18 हजार 160 वोटों से जीते। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हराया। संगीत सोम इससे पहले दो बार विधायक रह चुके थे। 40 वर्षीय अतुल स्नातक हैं। 2016 में इनकी पत्नी सीमा प्रधान जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थीं। 2023 में सीमा प्रधान महापौर का चुनाव भी लड़ीं, लेकिन तीसरे नंबर पर रहीं।
भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया 2 लाख 35 हजार 953 वोट लेकर महापौर बने। सपा को एक लाख 15 हजार 964 वोट मिले और तीसरे नंबर पर रही। सपा से आगे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का प्रत्याशी अनस रहे, जिन्हें एक लाख 28 हजार 547 वोट मिले थे। सपा के नए प्रत्याशी बनाए गए अतुल प्रधान ने कहा कि वह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। उनकी जीत का पूरा समीकरण बन रहा है। इसी वजह से सपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। समाजवादी पार्टी यानी सपा में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट को लेकर पिछले 17 दिन से चली आ रही खींचतान पर सोमवार रात विराम लग गया। सपा ने सरधना विधायक अतुल प्रधान का प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया था। सपा में टिकट को लेकर खूब रार रही। भानु प्रताप सिंह के टिकट के कटने की चर्चा रही। हालांकि किसी और प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई थी। भानु प्रताप भी दावा कर रहे थे कि वही प्रत्याशी हैं। सोमवार को सपाइयों में हलचल तब और बढ़ गई, जब शहर विधायक रफीक अंसारी के अधिवक्ता ने उनके नाम से नामांकन पत्र ले लिया। इसके अलावा हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा भी टिकट को लेकर लखनऊ में डेरा डाले हुए थे। इससे योगेश वर्मा और भानु प्रताप के समर्थकों में निराशा है। वहीं, अब स्थिति साफ हो गई है। भाजपा के अरुण गोविल, बसपा के देवव्रत त्यागी और सपा के अतुल प्रधान के बीच मेरठ-हापुड़ लोकसभा का मुकाबला होगा। सपा ने मेरठ के अलावा आगरा से सुरेश चंद कदम को अपना प्रत्याशी बनाया है।

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