डॉक्टर हत्याकांड के सहआरोपी की गोली मारकर हत्या

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अचानक नहीं पूरी प्लानिंग से की गई वारदात


सुल्तानपुर। बहुचर्चित चिकित्सक हत्याकांड के सहआरोपी विजय नारायन की दरियापुर तिराहे पर रविवार देर रात एक बार में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके साथी को पेट में गोली लगी है, जिसे गंभीर हालत में लखनऊ रेफर कर दिया गया। हत्याकांड के बाद से बड़ी संख्या में लोग सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज पहुंच नारेबाजी करने लगे। मामला बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाल किसी तरह विरोध को शांत कराया। नगर कोतवाली के नारायनपुर गांव निवासी विजय नारायन (45) 23 सितंबर 2023 को हुए चिकित्सक घनश्याम तिवारी हत्याकांड में सह आरोपी था। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 14 मार्च को जेल से बाहर आया था। रविवार को वह अपने साथी अनूप शर्मा (30) निवासी शास्त्रीनगर के साथ दरियापुर तिराहे पर स्थित एक बार में पार्टी कर रहा था। उसके साथी की वहां मौजूद लोगों से विवाद हो गया। इस दौरान हुए फायरिंग में विजय नारायन की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, विजय के साथी अनूप शर्मा को भी पेट में गोली लगने लगी। उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। एसपी सोमेन बर्मा ने बताया कि हत्यारोपी की पहचान अजय सिंह के रूप में हुई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगाई गईं हैं। विजय नरायन के साथ मौजूद लोगों ने बताया कि हत्या करने वाला अंबेडकरनगर के अजय सिपाही गैंग से जुड़ा है। दरियापुर तिराहे पर जिस तरह से विजय नारायन की हत्या हुई। उससे यह स्पष्ट हो गया कि हत्यारे पूरी योजना बनाकर आए थे। बताया जा रहा है कि हत्या करने वाले पहले विजय नारायन के साथ ही बार में आए थे, जहां कुछ विवाद हुआ और यहीं से हत्या की साजिश रची गई। कुछ ही देर में इस वारदात को अंजाम दे दिया गया। देर रात हुई हत्या की घटना में पुलिस को तहरीर भी नहीं मिल पाई, इसलिए केस तो दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से घटना का ब्योरा जुटाने का प्रयास कर रही है। उधर, घटनास्थल के आसपास मौजूद लोगों के अनुसार विजय नारायन चार पांच लोगों के साथ पल्लवी बार आया था। वहां शराब पीने के दौरान ही जमीन के किसी मामले को लेकर अजय सिंह से विवाद हो गया। बताया जाता है कि इसके बाद अजय चला गया, जबकि विजय नारायन वहीं बार में ही मौजूद रहा। कुछ ही देर में एक हेलमेट पहना व्यक्ति अंदर घुसा, जिसकी पहले तो विजय के साथियों से बहस हुई और उसके बाद उसने गोलियां दागनी शुरू कर दीं। मेडिकल कॉलेज में जब विजय नारायन व उसके साथी को गोली लगने के बाद लाए जाने की खबर शहर में फैली तो भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस अधीक्षक के पहुंचने तक वहां एक हजार से अधिक लोग जमा हो चुके थे। उन्हें नियंत्रित करने में ही पुलिस के पसीने छूट रहे थे। गुस्से में लोग पुलिस का न केवल कोस रहे थे बल्कि बार-बार आक्रामक हो रहे थे। जिले में एंबुलेंस सेवा की लापरवाही एक बार फिर सामने आई। इतनी बड़ी वारदात हो जाने के बाद जब दोनों घायल वहां पहुंच गए तो कहीं भी तत्काल एंबुलेंस का इंतजाम नहीं किया, करीब 15 मिनट इमरजेंसी के गेट पर परिजनों को एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा।

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