प्रेम में दीवानी गुंजन ने कृष्ण कन्हैया के संग लिए सात फेरे

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भागवत वक्ता युवती ने 300 लोगों को दी दावत


मथुरा। कृष्ण कन्हैया की भक्ति में दीवानी एक भागवत वक्ता युवती ने शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ विवाह रचाया। यह शादी पूरे परिवार ने हर्षोल्लास के साथ एक वैवाहिक समारोह की तरह आयोजित किया। लगन व सगाई से लेकर सात फेरों तक की सभी रस्में विधि-विधान से पूरी करते हुए लोगों को दावत तक दी गयी।
थाना हाइवे स्थित अमर कालोनी (हंसराज कालोनी) निवासी भागवत वक्ता चतुर्भुज भारद्वाज की सबसे छोटी बेटी गुंजन को बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण से गहरा लगाव था। बचपन से ही कृष्ण भक्ति में लीन थी। उसकी भक्ति से पूरा परिवार प्रभावित था। गुंजन बड़ी हुई तो उसने भागवत कथा करनी प्रारंभ कर दी। इसके बाद नाते-रिश्तेदारों ने चतुर्भुज से अपनी बेटी की शादी किसी अच्छे परिवार में करने को कहा। यह सुनते ही गुंजन ने साफ मना कर दिया। उसने कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी है। ऐसे में वह किसी भी लड़के से शादी नहीं करेगी। उसकी शादी कृष्ण-कन्हैया से ही होगी। शुरुआत में तो परिवार के लोगों ने गुंजन की इस बात का विरोध किया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही। गुंजन ने यहां तक कह दिया कि यदि जबरन उसका शादी किसी लड़के से कराया गया तो डोली के साथ- साथ उसकी अर्थी भी उठेगी। बेटी की जिद के आगे पिता को नतमस्तक होना पड़ा।
शनिवार को हंसराज कालोनी में बकायदा शादी समारोह का आयोजन किया गया। समारोह से पूर्व लग्न व सगाई की रस्में पूरी की गयीं। यही नहीं पंडित का भी इंतजाम किया गया। करीब 300 लोगों को विवाह समारोह की दावत में आमंत्रित किया गया। भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ बकायदा वरमाला का कार्यक्रम हुआ। उसके बाद विधि-विधान से सात फेरों की रस्में पूरी की गयीं। गुंजन के माता-पिता ने उसका कन्यादान भी किया। विवाह समारोह के बाद गुंजन ने बताया कि वह बहुत खुश है। वह भाग्यशाली है कि उसे वर के रूप में कृष्ण-कन्हैया मिले हैं। गुंजन के पिता ने भी कहा कि वे बहुत भाग्यशाली हैं कि ऐसी कन्या ने उनके घर में जन्म लिया, जिसने भगवान श्रीकृष्ण को वर के रूप में चुना।

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