धनंजय सिंह की पत्नी को सताया कैसा डर

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समर्थकों से की भावुक अपील, बोलीं- आपके नेता को सहानुभूति की जरूरत


जौनपुर। पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह के जेल जाते ही उनके समर्थकों में रोष देखा जा रहा है। इस रोष का बड़ा कारण सजा के बाद धनंजय की पुलिस वैन के अंदर से चिल्ला कर कही गई एक बात को माना जा रहा है। ऐसे में उनकी पत्नी श्रीकला ने चुप्पी तोड़ी है। श्रीकला ने धनंजय के समर्थकों से धैर्य और संयम से काम लेने की अपील की है। भावुक अपील करते हुए कहा कि आपके नेता को सहानुभूति की जरूरत है। आपको किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। श्रीकला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यह बातें लिखते हुए यह भी कहा कि उम्मीद है कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।
असल में धनंजय सिंह ने कोर्ट से जेल जाते समय पुलिस की वैन के अंदर से ही चिल्ला कर कहा कि केवल हमको चुनाव से रोकने के लिए षड्यंत्र रचा गया है। उनकी बातें सुनते ही अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। इस नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ। इसी के बाद धनंजय की पत्नी श्रीकला रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर समर्थकों से अपील करते हुए लिखा कि हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना चाहिए।
आगे लिखा कि अपने नेता धनंजय का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। लिखा कि आपके नेता ने बड़ी सूचिता की राजनीति की है, कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें। आपके नेता को आपकी सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे। श्रीकला ने कुछ साल पहले भाजपा ज्वाइन की थी। लेकिन किसी चुनाव में भाजपा ने अभी तक उन्हें टिकट नहीं दिया है। जिला पंचायत के चुनाव में भी श्रीकला निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरीं और जीत हासिल कर जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई हैं। हालांकि उन्हें बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं और पंचायत सदस्यों का समर्थन भी प्राप्त है। ऐसे में उन्हें पता है कि धनंजय समर्थकों द्वार भाजपा और अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी मुश्किलें बढ़ा सकती है। किसी भी जिला पंचायत अध्यक्ष को एक अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया जा सकता है। सरकारें बदलने पर इस तरह की घटनाएं अक्सर पंचायतों में होती भी रहती हैं।

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