दशकों से लोगों ने अवैध कब्जा करके बना लिये थे पक्के मकान व दुकानें
गोंडा। गोंडा जिले में लखनऊ रोड के दीवानी कचहरी चौराहे पर दर्जन भर दुकानों व मकानों को जमींदोज कर दिया गया। एक मकान के दो-तीन फीट अवैध कब्जे के दायरे में आने पर उसके मालिक को खुद से हटाने की मोहलत दी गई है। डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर लगातार दूसरे दिन भी यहां प्रशासन का बुलडोजर पूरे दिन गरजा। बताया जा रहा है कि इस चौराहे के निकट नजूल की भूमि पर दशकों से लोगों ने अवैध कब्जा करके पक्के मकान व दुकानें आदि बनवा ली थीं। जिसको सुबह तहसील प्रशासन के के अलावा पालिका व पीडब्ल्यूडी के साथ भारी संख्या में कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी लगाकर धराशायी कर दिया गया। पालिका की ओर से दीवानी कचहरी चौराहे पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए कब्जेदारों को नोटिस तो बीते जुलाई माह से पहले से दी जाती रही। कई बार ऐलान भी कराया। लेकिन अवैध कब्जे को हटाने को यहां जैसे किसी ने सुना नहीं। सामने से थोड़ा बहुत सामानों को हटाकर खानापूर्ति करते रहे। पालिका अधिकारियों का दावा है कि नोटिस में अवैध कब्जे के हिस्सों का जिक्र भी किया गया है। बताते हैं कि गुरुवार सुबह प्रशासन की टीम दल बल समेत पहुंची तो वहां दुकानें आदि खुली मिली, जिस पर सिर्फ मार्किंग टीन शेड व दुकान हिस्से को छोड़कर अवैध कब्जे के मकान समेत पूरे हिस्से को ढहा दिया गया।
दीवानी कचहरी चौराहे के इस उत्तरी छोर पर तीन दशक से अतिक्रमण होता रहा और जिम्मेदार विभाग सोते रहे। न पीडब्ल्यूडी और न पालिका ही चेता बल्कि, अधिकारियों की आड़ में इस भूमि के बदले में कई कर्मी उनसे अभिलेखों और कागज बनवाने के नाम पर उगाही करने से बाज नहीं आए। यहां तक कि कई लोगों ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने के लिए दो दशक से आवेदन कर रहे हैं। कई तो मौके पर फ्री होल्ड होने की पहली किस्त अदायगी की रसीद व प्रस्ताव लेकर भी पहुंचे थे। लेकिन अधिकारियों ने प्रक्रिया पूरी नहीं होने को बताकर उन्हें टाल दिया। पीड़ितों का आरोप है कि उन लोगों ने एक नहीं कई बार नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने का प्रयास किए, कहीं पर सुनी नहीं गई। वहीं रसूखदार लोगों का फ्री होल्ड कर दिया गया। इस मौके पर एसडीएम सदर सुशील कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर, सीओ सिटी विनय कुमार सिंह व नगर कोतवाल राजेश कुमार सिंह के अलावा पालिका के ईओ संजय कुमार मिश्रा, राजस्व टीम गुरुशरन एवं रघुनाथ तिवारी व पीडब्ल्यूडी के एई डीके सिंह व राजस्व अमीन शिवाकांत दूबे भी रहे।
दीवानी चौराहे पर कई ऐसे लोग भी रहे, जिनके जिंदगी की जमा-पूंजी यहां दुकान व मकान थे। बुलडोजर चलने से पहले पुलिस कर्मियों ने मकान खाली करा लिया और महिलाएं व नौनिहालों को बाहर कर दिया गया। लेकिन जैसे ही उन्होने अपना घर गिराते देखा महिलाएं व नौनिहाल आदि रोने लगे। जिसमें उनकी वर्षाे की यादें सिमटी हुई थी, इसे देखकर वहां कई लोग भी भावुक हो गए।
अभियान के दौरान जिन लोगों की दुकानें व मकान धराशायी किए गए , उनमें चार परिवार बेसहारा बताए गए। अधिकारियों को मौके पर जानकारी होने पर तत्काल उन्हें आसरा आवास देने की सिफारिश की गई। सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर ने बताया दो लोगों हनुमान गोस्वामी व बजरंगी गोस्वामी को आवास दे दिया गया और पीड़ित परिवारों को वहीं पर भिजवा दिया गया। ईओ संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि अन्य दो परिवारों को भी आसरा आवास देने की प्रक्रिया की जा रही है।