एसीपी ऑफिस के सामने और चौकी के पीछे जिस्मफरोशी की मंडी

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फ्लैट में ग्राहकों संग ऐसे हाल में मिली महिलाएं


गाजियाबाद। गाजियाबाद के साहिबाबाद में डीएलएफ और तुलसी निकेतन के दो फ्लैटों में महीनों से चल रहे देह व्यापार के धंधे का पुलिस ने रविवार शाम खुलासा किया। दोनों जगह से दो संचालिका समेत 14 महिलाएं, एक फ्लैट मालिक और सात ग्राहक गिरफ्तार किए गए हैं। देह व्यापार कराने वाली दोनों महिलाओं ने 10 हजार रुपये महीने पर फ्लैट किराये पर लिया हुआ था। पुलिस को मौके से 26,100 रुपये, फोन और अन्य सामान मिला है। पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है। पुलिस को सूचना मिली कि एसीपी कार्यालय के सामने तुलसी निकेतन के एक फ्लैट में महिला देह व्यापार कराती हैं। एसीपी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां संचालिका रानी समेत पांच महिलाएं मिलीं। वहीं पर फ्लैट मालिक पवन भी मौजूद था। महिलाएं आपत्तिजनक हालत में थीं। टीम ने सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। तुलसी निकेतन निवासी संचालिका रानी कई महीनों से अलग-अलग युवतियों को फ्लैट में बुलाकर देह व्यापार कराती थीं। युवतियों से व्हाट्सएप कॉल से संपर्क किया जाता था। इसमें फ्लैट मालिक की भी भूमिका सामने आई है। पुलिस पांच महिलाओं और फ्लैट मालिक को गिरफ्तार कर टीलामोड़ थाने ले गई। इसके बाद शालीमार गार्डन थाना पुलिस की टीम ने भोपुरा तिराहे के पास डीएलएफ के फ्लैट में दबिश दी। पुलिस को देखकर फ्लैट के अंदर महिलाएं घबराकर इधर-उधर भागने का प्रयास करने लगीं। टीम ने संचालिका नेहा राठौर निवासी चिरौड़ी लोनी समेत नौ युवतियों व सात ग्राहकों को गिरफ्तार किया। यहां से पुलिस को 26,100 रुपये, ऑनलाइन वॉलेट का नंबर, फोन और अन्य सामान मिला। पूछताछ में पता चला कि नेहा ने फ्लैट हरीश मावी नाम के युवक से किराये पर लिया था। तुलसी निकेतन के जिस फ्लैट में पुलिस ने छापा मारकर देह व्यापार का खुलासा किया है, वो एसीपी शालीमार गार्डन के कार्यालय के सामने और तुलसी निकेतन चौकी के पीछे है। महीनों से चल रहे देह व्यापार की भनक पुलिस को नहीं लगी। देह व्यापार में पुलिस की सांठगांठ को लेकर चर्चा रही। इसके अलावा डीएलएफ कॉलोनी का फ्लैट भी एसीपी ऑफिस से ज्यादा दूर नहीं है।
तुलसी निकेतन और डीएलएफ के दो फ्लैटों में कार्रवाई कर देह व्यापार का खुलासा किया है। इसमें संचालिकाओं और फ्लैट मालिक समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। - सिद्धार्थ गौतम, एसीपी

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