व्यापारी को अगवा कर लूटने वाले दरोगा-हेड कांस्टेबल गिरफ्तार, थानेदार सस्पेंड

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अपराधियों संग वर्दी में गए थे दोनों पुलिस वाले
लखनऊ। व्यापारी को अगवा कर लूटने व फिरौती मांगने के मामले में रविवार को आरोपी दरोगा और हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया। दोपहर बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से वह जेल भेजे गए। एफआईआर में नामजद बर्खास्त दरोगा समेत चार अन्य आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर पुलिस ने दबिश दी। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। उधर मामले में लापरवाही बरतने वाले हसनगंज थानेदार इंस्पेक्टर राजकुमार को पुलिस कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया।
बिजनौर निवासी इश्तियाक आजमगढ़ में कपड़ा बेचने गए थे। 29 नवंबर को बोलेरो सवार युवक उनको अगवा कर लाए थे। निराला नगर स्थित चरन गेस्ट हाउस में उनको बंधक बनाकर पीटा था। नकदी व कपड़े लूट लिए थे। फिर परिवार वालों को फोन कर 1.20 लाख की फिरौती मांगी थी। किसी तरह से उनके चंगुल से छूटकर इश्तियाक ने पुलिस को सूचना दी थी। तब खुलासा हुआ था कि उसको अगवा करने वालों में हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबल युसुफ हुसैन, हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता व नसीम, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव, शेखर व एक अज्ञात पर एफआईआर दर्ज हुई थी। डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि रविवार को आरोपी अनुराग व युसुफ की गिरफ्तारी कर ली गई है। अन्य की तलाश में टीमें लगाई गई हैं। जल्द उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
वारदात के बाद इश्तियाक अपने घर बिजनौर चले गए थे। तहरीर पर मोबाइल नंबर तक नहीं लिखा था। बिजनौर पुलिस की मदद से उनके बारे में जानकारी जुटाई गई। जिसके बाद लखनऊ पुलिस की एक टीम बिजनौर जाकर उनके बयान दर्ज किए। जिसमें उन्होंने पूरी घटना बताई। दरअसल इश्तियाक को आरोपियों ने धमकाया था। इस वजह से वह डरकर चले गए थे। सामने नहीं आ रहे थे।
प्रकरण को उच्चाधिकारियों ने बेहद गंभीरता से लिया है। थाने स्तर पर लापरवाही बरती गई लेकिन जब अफसरों को जानकारी हुई तो जांच कर केस दर्ज किया गया। आरोपी पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। अफसरों का कहना है कि विभागीय कार्रवाई कर इन पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी भी की जाएगी।
पुलिस ने मामले में गहनता से जांच कर अहम साक्ष्य जुटाए हैं। सूत्रों के मुताबिक कई सीसीटीवी फुटेज में आरोपी कैद हुए हैं। ये भी साफ हो गया है कि आरोपी पुलिसकर्मी अपराधियों के साथ खुद आजमगढ़ गए थे। तब वह दोनों वर्दी में थे। साक्ष्यों को विवेचना में शामिल किया गया है। मोबाइल नंबर की लोकेशन आदि बेहद अहम है।

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