आजमगढ़ में छात्रा श्रेया तिवारी की मौत का सच आएगा सामने! अब एएसपी करेंगे जांच

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लखनऊ। आजमगढ़ में चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल में 31 जुलाई को कक्षा 11 की छात्रा की आत्महत्या का मामला विधान परिषद में बुधवार को फिर उठा। शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। कहा कि प्रदेश में पहली बार सीबीएसई, माध्यमिक, मदरसा व आइसीएसई बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने मंगलवार को तालेबंदी की।

उन्होंने कहा कि आजमगढ़ पुलिस ने बिना किसी समुचित व विस्तृत जांच के विद्यालय के प्रधानाचार्य व शिक्षक को जेल भेज दिया। प्रधानाचार्य व शिक्षक के विद्यालय में अनुशासन व गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए किए गए प्रयास को पुलिस प्रशासन ने अपराध मान लिया।

कहा कि लखनऊ में पुलिस कमिश्नर कार्यालय की छत से कूदकर कर्मचारी के आत्महत्या करने के मामले में भी संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर होनी चाहिए। क्या उस कार्यालय के उच्च अधिकारियों को भी जेल भेज देंगे। उन्होंने प्रधानाचार्य व शिक्षक को रिहा किए जाने व उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की। कहा कि पुलिस की हठधर्मिता व मनमाने रवैये के कारण शिक्षकों, शिक्षाविदों व प्रबंध संचालकों में भारी रोष व्याप्त है।

नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि छात्रा की आत्महत्या के मामले में उसके पिता की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज व अन्य तथ्यों की जांच की। आजमगढ़ पुलिस ने प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर एफआइआर में आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत कार्रवाई की। नामजद आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। वर्तमान में मऊ के क्षेत्राधिकारी नगर इस मुकदमे की जांच कर रहे हैं। गुण-दोष के आधार पर ही कार्रवाई होगी।

जवाब पर असंतोष जताते हुए सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने रिहाई व उच्च स्तरीय जांच की मांग को दोहराया। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कार्यस्थगन की मांग को अस्वीकार करते हुए नेता सदन को मुकदमे की जांच अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) से कराए जाने का निर्देश दिया। कहा कि जांच जल्द पूरी की जाए।

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