जिलाध्यक्ष बदले जाने से पहले भाजपा ने उठाया बड़ा कदम

Youth India Times
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जिलों में नियुक्त किए पर्यवेक्षक
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में सांगठनिक बदलाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी द्वारा रविवार को पार्टी के सभी 98 संगठनात्मक जिलों में पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। यह पर्यवेक्षक आवंटित जिलों में जाकर वहां सांसद-विधायकों, प्रदेश, क्षेत्र सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी करेंगे। मौजूदा जिलाध्यक्षों को छोड़ कर तीन-तीन नामों के पैनल सहित अपनी गोपनीय रिपोर्ट 15 जुलाई तक प्रदेश महामंत्री संगठन को सौंपेंगे।
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा संगठन को दुरुस्त करने में जुटी है। इस श्रृंखला में इसी माह मंडल, जिला और क्षेत्रीय संगठन में बदलाव होना है। प्रदेश में करीब 50 जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। हालांकि पर्यवेक्षक सभी जिलों में तैनात कर रिपोर्ट मांगी गई है। एक ही कार्यकाल व अच्छी छवि वाले कुछ अध्यक्षों को रिपीट भी किया जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो लंबे समय से जमे और गंभीर शिकायतों वाले अध्यक्ष हटाए जाएंगे। इसके अलावा जो जिला या महानगर अध्यक्ष एमएलसी बन गए हैं, उन्हें भी बदला जाना है।
प्रदेश नेतृत्व की ओर से पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि आवंटित जिलों में बेहद सहजता, सरलता, सुगमता और पारदर्शिता से काम करें। मजमेबाजी बिल्कुल न करें। फीडबैक के मामले में बेहद सावधानी बरतें। एक नेता का फीडबैक दूसरे से कतई साझा न करें। नामों का पैनल तैयार करने में पूरी गोपनीयता बरतें। पर्यवेक्षक का जिम्मा प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं और जिला प्रभारियों को भी सौंपा गया है।
पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे जिलों में यह भी देखेंगे कि कोई महिला कार्यकर्ता यदि सशक्त है और जिलाध्यक्ष बनने की काबिलियत रखती है। इसी तरह अनुसूचित वर्ग का कोई पदाधिकारी जिलाध्यक्ष बनने की योग्यता रखता है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर रिपोर्ट में उनका अलग से जिक्र करने को कहा गया है। जिला या महानगर के सामाजिक समीकरण के हिसाब से पार्टी सामान्य, पिछड़े या अनुसूचित वर्ग के लोगों को वरीयता देगी।

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