आजमगढ़ : वायरल आडियो मेरे खिलाफ साजिश का हिस्सा, कभी भी हो सकती है मेरी हत्या

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राज्यपाल फागू चौहान को गाली दिये जाने वाले आडियो पर बोले मुफ्ती अब्दुल कादिर, आडियो की कराई जाय जांच
20 करोड़ के घोटाला में मुफ्ती खुद इनवाल्व, इसी कारण बना रहे हैं दबाव-वर्षा अग्रवाल
आजमगढ़। मेघालय के राज्यपाल फागू चौहान को गाली दिये जाने की आडियो वायरल होने पर अपने बचाव में उतरे मुफ्ती अब्दुल कादिर ने इसे अपने खिलाफ एक साजिश का हिस्सा बताया। उन्हांने कहा कि कानूनी लड़ाई हारने वाले लोग अब प्रपंच का सहारा ले रहे हैं। राज्यपाल फागू चौहान सम्मानित व्यक्ति हैं, मेरी नजर में आजीवन उनका सम्मान रहेगा। मुफ्ती अब्दुल कादिर ने बड़ा आरोप लगाते हुए इन लोगों द्वारा कभी भी मेरी हत्या कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस बावत उन्होंने उच्चाधिकारियों सहित शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है।
बताते चलें कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में मदरसा अरबिया कासिमुल उलूम के मुफ्ती अब्दुल कादिर के अधिकारी पर दबाव बनाने का मामला सामने आया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल का कहना है कि अब्दुल कादिर को टर्मिनेट किया जा चुका है। लखनऊ के रजिस्ट्रार ने बहाल कर दिया है। इसके बाद से लगातार ज्वाइनिंग के लिए दबाव बना रहे हैं। पूर्व अधिकारियों के साथ मेधालय के राज्यपाल फागू चौहान को अभद्रता भी रहे हैं। जिसका ऑडियो भी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने पेश किया है जो कि बहुत ही निंदनीय है। इसके साथ ही चार संस्थाओं पर 20 सालों में 20 करोड़ के गबन का भी मामला सामने आया है। जिसमें एक संस्था मुफ्ती अब्दुल कादिर की भी है। यह सरकारी धन नहीं बल्कि चंदे से इकट्ठा किया गया धन है। ऐसे में इस पूरे मामले की शिकायत डीएम विशाल भारद्वाज से की जाएगी। प्रबंध समिति ने पिछले 50 सालों से अधिक समय से मदरसे में नियुक्ति वेतन बोनस आदि कार्य संपादित किया जाता है। इसके साथ ही लगभग 30 सालों से मुफ्ती अब्दुल कादिर की मदरसे में आलिया के पद पर नियुक्ति और 22 सालों तक प्रधानाचार्य भी रहे। अब्दुल कादिर ने डीएम को दिए गए प्रत्यावेदन में कार्यालय कार्मिकों पर अभद्र भाषा के प्रयोग का आरोप लगाया गया है। इस मामले की शिकायत डीएम से कठोर कार्रवाई की जाने की मांग की जाएगी।
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल का कहना है कि जिस समिति ने 30 साल पहले अब्दुल कादिर को आलिया के रूप में ज्वाइन कराया था। बर्खास्तगी के बाद उसी समिति को अवैध बताया जा रहा है। जबकि इसी प्रबंध समिति द्वारा विगत 40 वर्षों से अधिक समय से मदरसे में नियुक्ति वेतन बोनस आदि कार्य संपादित किया जाता है। जब प्रबंध समिति ने टर्मिनेट कर दिया गया। रजिस्टार के यहां से आई जिस प्रबंध समिति ने इन्हें टर्मिनेट किया। उसी ने 30 साल पहले इन्हें ज्वाइन कराया था। संस्था से सारी बातें रजिस्ट्रार को भेज दी गई है। विभाग पर दवाब बनाकर धरना प्रदर्शन किया। जो भी मामले उठाए विभाग को बदनाम करने के लिए उठाए गए। आए दिन ऑफिस में दबाव बनाने के साथ गंदी और अश्लील बातें करते हैं। जिस कारण विभाग की छवि खराब हो रही है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल का कहना है कि ऑडियो की मजिस्ट्रेटी जांच कराकर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके साथ ही जो 20 करोड़ का घोटाला हुआ है उस मामले में भी मुफ्ती खुद इनवाल्व हैं यही कारण है कि दबाव बनाया जा रहा है।

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