आजमगढ़: बाजार में टमाटर के भाव सुन लाल हो जा रहे चेहरे

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भोजन की थाली से गायब हुए सलाद
120 रुपए किलो का दाम है खुले बाजार में
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। रोटी और चटनी से काम चलाते हुए पेट की क्षुधा शांत करने वाले गरीब परिवारों के लिए बाजार में सूखे मेवे की जगह ले चुके टमाटर के भाव सुन कर लोगों के चेहरे लाल हो जा रहे हैं। चटख लाल रंग की खुबसूरती के साथ भोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला टमाटर अब थाली से दूर हो गए हैं। खुले बाजार में 120 रुपए किलो के भाव से बिक रहे टमाटर ने लोगों का जायका बिगाड़ कर रख दिया है। मंगलवार को शहर के मुख्य चौक पर स्थित सब्जी मंडी में अपने भाव के चलते इतरा रहे टमाटर राजा की मौजूदगी दुकानों पर नहीं नजर आई। कुछ एक दुकानों पर उनके दर्शन तो हुए लेकिन दाम सुनकर लोग अपने कदम पीछे खींच लेने को मजबूर नजर आए। बाजार में मौजूद सब्जियों के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। खीरा 50 रुपए, भिंडी और नेनुआ 60 रुपए तो अन्य सब्जियों के दाम भी कुछ कम नहीं नजर आए। इस संबंध में पूछे जाने पर मंडी में सब्जी का व्यापार करने वाले दुकानदारों ने एक स्वर से कहा कि पहले तो भीषण गर्मी के चलते सब्जी उत्पादन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। फसल झुलसकर नष्ट हो गईं और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सब्जी को विदेशों तक निर्यात कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए खोले गए शीतगृह में किए जा रहे भंडारण की वजह से सब्जियों के दाम में आए भारी उछाल ने अमीर गरीब सभी का जायका बिगाड़ दिया है। लोगों का कहना है कि गर्मी के चलते बर्बाद हुई सब्जी की फसल की वजह से भोजन का स्वाद बढ़ाने वाली सब्जी अभी कुछ समय तक सभी को रुलाने का काम करेगी। वहीं इस बाबत पूछे जाने पर कुछ गृहणियों का यह कहना कि सब्जियों के दाम में लगी आग के कारण अब तो राजमा, काबुली चना,मटर और अन्य खाद्य सामग्रियों से काम चलाया जा रहा है।

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