कोर्ट परिसर में फायरिंग मामले दरोगा सहित छह पुलिसकर्मी निलंबित

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संदिग्ध आरोपियों की तलाश में कई गांवों में पुलिस ने दी दबिश
जौनपुर। जौनपुर दीवानी न्यायालय परिसर में लॉकअप से न्यायालय में पेशी के लिए ले जाते समय दो बंदियों को गोली मारे जाने के मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। गोली मारने वाला आरोपी असलहा लेकर कचहरी परिसर में कैसे पहुंचा, यह बड़ा सवाल है। जबकि गेट पर ही मेटल डिटेक्टर तक लगाया गया है। प्रारंभिक जांच के आधार पर लापरवाही सामने आने पर न्यायालय सुरक्षा में लगे छह पुलिस कर्मियों को एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने मंगलवार की रात में निलंबित कर दिया। उधर, पुलिस ने आरोपी श्रवण यादव के खिलाफ लाइनबाजार थाने में मुकदमा भी दर्ज कर लिया।
मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पहलवान उर्फ बादल यादव हत्या के मामले में दो आरोपियों को जिला कारागार से न्यायालय में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर श्रवण यादव के पास असलहा कहां से आया। वहीं असलहे के साथ आरोपी को कचहरी में प्रवेश करने के मामले में वहां तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही मानी गई है। अपर पुलिस अधीक्षक शहर बृजेश कुमार ने बताया कि न्यायालय सुरक्षा में तैनात छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। प्राथमिक रूप से इनकी लापरवाही मानी गई है। एक उप निरीक्षक कालीचरण कन्नौजिया, मुख्य आरक्षी संतोष कुमार गुप्ता, संजय यादव, जय किरण सोनकर, अनिल चौहान, अर्चना मौर्य को निलंबित किया गया है।
करीब एक साल पहले छह मई 2022 को हुए बादल हत्याकांड के प्रतिशोध में बादल के भाई श्रवण यादव ने मंगलवार को दीवानी न्यायालय परिसर में दो आरोपियों पर गोली चला दी। उस घटना के बाद श्रवण को तो पकड़ लिया गया, लेकिन जिन्होने श्रवण को असलहा पहुंचाया था, या इस मामले में सहयोग किया था उसे पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। इस मामले में संदिग्धों की तलाश में मंगलवार की रात में पुलिस ने गौराबादशाहपुर क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में दबिश दिया। इस दौरान कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।

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