आजमगढ़ : प्रबंधकों व मानदेय लेने वाले शिक्षकों पर दर्ज होगा मुकदमा

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आजमगढ़। मदरसो की एसआईटी जांच पूरी होने के बाद अब कार्रवाई की कवायद शुरू हो गई है। जिले में कुल 219 मदरसे ऐसे पाए गए थे, जो अस्तित्व विहीन की श्रेणी में आते है। नियमों को तक पर रख कर ऐसे मदरसो को मान्यता दी गई थी। मान्यता देने वाले अधिकारियों, बाबुओ समेत अन्य जिम्मेदारों पर अब एसआईटी ने लखनऊ में मुकदमा पंजीकृत करा दिया है। अब इन मदरसों के प्रबंधको व मानदेय पर तैनात हुए शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही जिले स्तर पर इनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत होगा। एसआईटी की जांच शुरू होने के पूर्व तक जिले में कुल 696 मदरसा थे। वर्तमान में इसकी संख्या 383 हो गई है। 313 मदरसो को एसआईटी ने अपनी जांच में गड़बड़ पाया था। जिसमें 219 मदरसे तो अस्तित्व विहीन थे। इसमें भी फिलहाल तक 39 मदरसे ऐसे चिन्हित हुए जो आधुनिकीकरण योजना के तहत अपने यहां आधुनिक विषयों की शिक्षा देने के लिए दो-दो शिक्षकों की तैनाती किए थे और इन्हे मानदेय देने के लिए सरकारी धन भी लिया था। इन 39 मदरसो पर 63 लाख के गबन की पुष्टि एसआईटी ने अपने जांच में की है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल ने बताया कि मान्यता देने वालों पर एसआईटी ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज करा दिया है। अब प्रबंधकों व मानदेय लेने वाले शिक्षकों पर भी मुकदमा दर्ज होना है। विभाग को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश हुआ है। सूची मिलते ही मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।

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