आजमगढ़ : आर-पार की लड़ाई को अधिवक्ता हुए लामबन्द

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ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में अधिवक्ताओं का धरना जारी
आजमगढ़। ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में दीवानी कचहरी के अधिवक्ताओं का धरना लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में दीवानी कचहरी के अधिवक्ता 20 फरवरी से लगातार हड़ताल कर रहे हैं। अधिवक्ता आर-पार की लड़ाई को लामबन्द हो गये हैं। इसी क्रम में संयुक्त संघर्ष समिति के प्रस्ताव पर अधिवक्ताओं ने सोमवार को दीवानी कचहरी के पूर्वी गेट पर पर धरना दिया। यह धरना दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा।
धरने को संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के गठन का पुरजोर विरोध किया। अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि विकेंद्रीकरण इतना ही आवश्यक है तो हर राज्य में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ तथा मंडल मुख्यालय पर हाईकोर्ट की खंडपीठ का गठन किया जाए। ग्रामीण न्यायालय के गठन से न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा में गिरावट आएगी। अभी तहसील स्तर पर न्यायालय के गठन के लिए आधारभूत संरचना भी उपलब्ध नहीं है। न्यायिक विकेंद्रीकरण के नाम पर जनता को बरगलाया जा रहा है। धरने का नेतृत्व करते हुए दीवानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं का संघर्ष जारी रहेगा। धरने को पूर्व अध्यक्ष दयाराम यादव, सूबेदार यादव, पूर्व मंत्री अनिल सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अशोक सिंह आदि अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। इस दौरान पूर्व मंत्री वीरेंद्र प्रताप सिंह पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष शमसुद्दीन, नासिरउद्दीन, गुफरान अहमद, संजय सिंह, राजेंद्र सिंह, सुनील सिंह, जगदीश सिंह आदि मौजूद रहे।

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