मऊ : पत्रकारों ने किया एसपी की प्रेस कांफ्रेंस का किया बहिष्कार

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रिपोर्ट-संजीव राय
मऊ। शनिवार को दिन में 12 बजे पुलिस अधीक्षक द्वारा चोरी की एक घटना का पर्दाफाश करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी जिसका जनपद के सभी पत्रकारों ने बहिष्कार कर दिया। बताते चलें कि विगत दिनों एक पत्रकार के साथ जिला अस्पताल मऊ के डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी ने बदतमीजी कीए खुद ड्यूटी से गायब थे और खबर बनाने पर पत्रकार अमित चौहान की मोबाइल को छीन कर तोड़ दिया और न सिर्फ हाथापाई की बल्कि हेलमेट चलाकर मारने का भी वीडियो वायरल हुआ। इस संबंध में जिला अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में सारी सच्चाई दर्ज होने के बावजूद डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी पर लगे लूट के मुकदमे को पुलिस उपाधीक्षक द्वारा बिना जांच कराएं और बिना पत्रकार का बयान लिए यह बयान जारी कर दिया गया की डॉक्टर के द्वारा मोबाइल छिनैती जैसी कोई घटना नहीं की गई थी जबकि पत्रकार अमित चौहान द्वारा भी डॉक्टर के मारने के बावजूद भी उसके ऊपर ना तो हमला किया गया और ना ही गाली गलौज किया गया यह सारी बातें कैमरे में रिकॉर्ड है लेकिन पक्षपात करते हुए सुलह का दबाव बनाने के लिए जिला प्रशासन ने पत्रकारों को बातों को नकार दियाए और तो और डॉक्टरों की टीम को अपने पास बुलाकर इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि पुलिस अधीक्षक के सरकारी ट्विटर हैंडल से न सिर्फ ट्वीट किया गयाए बल्कि पत्रकारों को नीचा दिखाने के लिए पुलिस मीडिया ग्रुप पर भी फोटो एवं संबंधित विज्ञप्ति प्रकाशित की गई जिसको लेकर पत्रकार काफी आक्रोशित थेए और आज कलेक्ट्रेट धरना स्थल पर एकजुट होकर न सिर्फ पुलिस अधीक्षक की प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार किया बल्कि आक्रोश जताते हुए कहा कि अपनी कमियों को छुपाने के लिए प्रशासन यह चाह रहा है कि पत्रकार सिर्फ शासन प्रशासन की चापलूसी करें एवं सच्ची खबरें ना दिखाएं। इससे यह ज्ञात होता है कि पुलिस सिर्फ पत्रकारों का अपने मकसद के लिए इस्तेमाल करना चाह रही है परंतु जब पत्रकारों के ऊपर कुछ पड़ रहा है तो उसका पक्ष ना लेकर उल्टे पत्रकारों के खिलाफ दबाव बनाने के लिए कार्यवाही कर रही हैए इससे आहत पत्रकारों ने 5 फरवरी 2023 को जनपद भर के पत्रकारों से आगे की रणनीति तय करने के लिए एक बैठक बुलाई गई है।

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