माफिया ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी को फिर दी पटकनी

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गवाह तौकीर ने मुख्तार को दिया बड़ा झटका
गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह के बीच चली आ रही तीन दशक से भी पुरानी अदावत अब अदालतों में चल रही है। मुख्तार अंसारी को जहां अदालतों में बारी-बारी से सजा सुनाई जा रही है तो वहीं ब्रजेश सिंह जमानत पर बाहर आ चुका है। मंगलवार को मुख्तार अंसारी को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब उसी के गवाह तौकीर ने उसरी चट्टी कांड में ब्रजेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया। तौकीर के बयान को मुख्तार अंसारी की बड़ी शिकस्त के रूप में देखा जा रहा है। उसरी चट्टी कांड में मुख्तार अंसारी के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और तौकिर घायल हुआ था। मुख्तार अंसारी ने ब्रजेश सिंह पर हमले का आरोप लगाया था। मुख्तार की तरफ से तौकीर को ब्रजेश सिंह के खिलाफ बतौर गवाह पेश किया था। मामले में मुख्तार अंसारी की भी गवाही होनी थी।
अदालत ने मुख्तार को फिजिकली पेश करने का आदेश दिया था। लेकिन वह पेश नहीं हो सका। उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। अब दस जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी। 21 साल पहले 2001 में गाजीपुर के उसरी चट्टी में दोनों गैंग के बीच आमना-सामना हुआ था। इसी मामले की सुनवाई गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। मुख्तार की फिजिकली पेशी टल गई और बृजेश सिंह अदालत में आया ही नहीं। उसकी तरह से हाजिरी माफी की अर्जी दाखिल की गई। एमपीएमएलए कोर्ट के एडीजे दुर्गेश ने मुख्तार को बांदा कोर्ट से फिजिकली तलब किया था। मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमले के आरोप में बृजेश सिंह और त्रिभुवन पर यह केस चल रहा है। आरोपी बृजेश सिंह को भी पेश होने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था। बृजेश के खिलाफ बयान देने मुख्तार का गवाह तारिक अहमद कोर्ट पहुंचा। मिर्जापुर जेल से त्रिभुवन सिंह को भी पुलिस ने पेश किया। इस दौरान पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वर्चुअली जुड़ा। गवाह मोहम्मद तौकीर ने कोर्ट में कहा कि गोली चलाने वालों में अनिल सिंह को पहचानता है लेकिन बृजेश या त्रिभुवन को नहीं दिखने की बात कही। माना जा रहा है कि तौकीर की गवाही से ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन को राहत मिल गई है। तौकिर ने जिस अनिल सिंह को पहचानने की बात कही उसकी अब मौत हो चुकी है।

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