आजमगढ़: दुर्वासा धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले के आखिरी दिन उमड़ी भीड़

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रिपोर्ट - आरपी सिंह
आजमगढ़। फूलपुर तहसील क्षेत्र में ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं का तमसा-मंजुषा के संगम क्षेत्र में लगने वाले मेले के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। मान्यता के अनुसार संगम में स्नान के बाद तमसा तीरे शिव मन्दिर पर जलाभिषेक कर शिव भगवान को प्रसन्न कर ऋषि दुर्वासा का दर्शन करते है। मन्नतें पूरी होने पर महिलाएं द्वारा यहां कढाई चढ़ाकर दुर्वासा ऋषि मंदिर में भोग अर्पित करती हैं। ऋषि दुर्वासा के प्रति लोगो का मत है वह जहां क्रोधी थे वहीं दयालुता में भी उनका कोई जोड़ नहीं। बाबा के शरण में हाजिरी लगाकर मांगी गई मन्नतें अवश्य पूरी होती हैं। वैसे बाबा दुर्वासा की तपोस्थली फूलपुर तहसील के मनहर मय चक गजड़ी ग्राम पंचायत में पड़ता है। दुर्वासा गांव स्थित तमसा नदी के तट पर मन्दिरों व घाटों के सुंदरीकरण का कार्य तो देर सवेर हुवा लेकिन बाबा की तपोभूमि पर बना मंदिर आज भी जिर्ण शीर्ण अवस्था में अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बुधवार को मेले के आखिरी दिन क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं ने गृहस्थी के सामानों की जमकर खरीदारी की। सुई से लेकर सौंदर्य प्रसाधन, मिठाई, सील-बट्टा के साथ ही कृषि में प्रयुक्त सामान भी खूब बिके। सुरक्षा की कमान पांच थानों की पुलिस सहित पीएसी के जिम्मे रही। मेला क्षेत्र में पुरुष व महिला सिपाहियों तथा होमगार्ड के जवान भी जगह जगह तैनात नजर आए।

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