आजमगढ़: शान पुरखों के आंखों के पानी है आप....

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एक शाम स्व. बीना देवी के नाम राष्ट्रीय एकता कवि सम्मेलन का आयोजन
अपने शब्दों से समाज को जागरूक करते हैं कवि-एसके सत्येन
आजमगढ़। सूंड़ साहित्य परिषद आजमगढ़ द्वारा एक शाम स्व. बीना देवी के नाम राष्ट्रीय एकता कवि सम्मेलन का आयोजन शनिवार की देरशाम नगर के चौक स्थित वेस्ली इंटर कालेज परिसर में किया गया है। कवि सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व पालिकाध्यक्ष श्रीमती इन्दिरा देवी जायसवाल, राजेन्द्र प्रसाद यादव व एसके सत्येन, अभिषेक जायसवाल दीनू ने संयुक्त रूप से सूंड फैजाबादी और स्व. बीना देवी के चित्र के समक्ष पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए दीप प्रज्जवलित किया गया। इसके बाद नामचीन कवि-कवियत्री द्वारा एक से बढ़कर कविताओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया गया।
कवि व गीतकार वैभव वर्मा ने आप ने जो कहा हम वो करते गए, आप ही की नजर उसे उतरते गए सुनाकर खूब वाहवाही लूटी, वहीं मिर्जापुर से आई कवियत्री विभा सिंह ने जैस ही राम सीता के मनगर कहानी है आप, शान पुरखों के आंखों के पानी है आप, कोई कैसे जुदा मुझको कर पाएगा, गांव में ही मेरी राजधानी है प्रस्तुत किया तो तालियों की गडगडाहट से पूरा नगर जी उठा। इसके बाद आगरा से आए कवि कुंवर प्रांजल सिंह ने कैसे मिले सुगंध सरोवर पंकज खिला नहीं प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद कवि लाल बहादुर चौरसिया ने बिलखती भूख लिख देना तड़पती प्यार लिख देना, मिले बल जो कहानी से वहीं इतिहास लिख देना प्रस्तुत कर लोगों को स्नेह के धागे में बुन दिया। इसके बाद कवि जितेन्द्र नूर ने अब मुहब्बत से भर गया है दिल, ऐसा लगता है मर गया है दिल प्रस्तुत किया वहीं इसके बाद इलाहाबाद से आए बिहारी लाल अम्बर ने मुद्दों पर ताव आ गया है देखो फिर चुनाव आ गया, भात न था नसीब में कहां से पुलाव आ गया सुनाकर व्यवस्था पर चोट किया। इसके बाद फिरोजाबाद से आए प्रो ओमपाल सिंह निडर ने उठो साथियों जिन धरम बिक ना जाए, बहनों जागो निज शर्म बिन न जाए की प्रस्तुति से वर्तमान हाल पर चोट किया। इसके बाद कवि प्रभुनरायण पांडेय प्रेमी जी, प्रमोद पंकज, राकेश पांडेय, राजकुमार आशीर्वाद, ताज आजमी, आदि ने अपनी एक से बढ़कर एक कविताओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में आंगतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए समाजसेवी एसके सत्येन ने कहाकि कवि ही समाज को जिन्दा रखता है, जो लोग दुनिया को छोड़ चुके है उनके यादों को अपने शब्दों से उकेरकर हर शाम को उद्देश्यपूर्ण बनाने का काम करते हैं।
इस मौके पर अतुल कुमार अग्रवाल, देवप्रकाश बैरसिया, डा भक्तत्वसल, देवविजय यादव, संजय डालमिया, विनवय गुप्ता, आशीष गोयल, जवाहर सैनी, अनिल अनिल अग्रवाल, अशोक वर्मा, कमल गुप्ता, मनोज बरनवाल सहित भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।

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