महिला सिपाही के प्रेम में जहर खाए दरोगा की हुई मौत

Youth India Times
By -
0

ब्लैकमेलिंग से तंग आकर दी जान, थानेदार पर भी उठ रहे हैं सवाल
कानपुर। कानपुर में सल्फास खाने वाले दरोगा अनूप सिंह (33) की रविवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले चार दिन से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए। अभी तक परिजनों ने पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी है।
दरोगा अनूप सिंह को बिकरू कांड में घायल भी हुए थे। सीएए के विरोध में हुई हिंसा में भी अनूप सिंह दंगाइयों से मोर्चा लिया था। मूलरूप से जालौन निवासी अनूप सिंह 2015 बैच के दरोगा था। बिधनू थाने में तैनाती के दौरान 14 सितंबर को दो किशोर को पीटने के मामले में वह निलंबित हुए थे।
बीते गुरुवार को अनूप सिंह ने सल्फास खा ली थी। तब से सर्वोदयनगर स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। एसीपी स्वरूपनगर वृजनारायण सिंह ने बताया कि रविवार देर रात करीब दो बजे अनूप की इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम में जहरीले पदार्थ से मौत होने की पुष्टि हुई है। सीओ सृष्टि सिंह मामले की जांच कर रही हैं। जांच पूरी होने के बाद मामले में कार्रवाई होगी।
एसपी तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि फजलगंज में तैनात एक महिला सिपाही से दरोगा प्रेम प्रसंग था। दरोगा के परिजनों ने पुलिस को बताया कि महिला सिपाही अनूप सिंह को ब्लैकमेल करती थी। इसी से त्रस्त होकर अनूप ने ऐसा कदम उठाया।
हालांकि अभी तक परिजनों ने तहरीर नहीं दी है। उनका कहना था कि शव का अंतिम संस्कार करने के बाद वह तहरीर देंगे। मामले में अनूप के परिजन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। अनूप के परिवार में उनकी पत्नी पूनम व दो साल का बेटा अयांश है।
एसपी आउटर ने बताया कि जिस महिला सिपाही पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लग रहा है, उसके समेत तीन महिला सिपाहियों को घटना के बाद से छुट्टी पर भेज दिया गया। दावा किया कि तीनों के छुट्टी के प्रार्थना पत्र में एक ही हैंडराइटिंग है।
यही नहीं एसपी ने ये भी दावा किया कि बैकडेट में छुट्टी की अनुमति दी गई। उन्होंने थानेदार देवेंद्र दुबे पर भी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि थानेदार आरोपों को निराधार बता रहे हैं। उनका कहना है कि छुट्टी के लिए घटना से पहले ही आवेदन किया गया था। उसी आधार पर छुट्टी दी गई।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)