आजमगढ़: खेत में जली पराली तो नहीं मिलेगी किसान सम्मान निधि-एसडीएम

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रिपोर्ट-दीपक सिंह
आजमगढ़। मेंहनगर तहसील प्रांगण में शुक्रवार को आयोजित जनसुनवाई के दौरान उपजिलाधिकारी संत रंजन ने क्षेत्रीय लोगों की समस्यायें सुनीं। इस दौरान प्राप्त प्रार्थना पत्रों के निस्तारण हेतु सम्बंधित विभाग को मौके पर जाकर शिकायतों की तत्काल निष्पक्ष व न्यायोचित निस्तारण सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया। वहीं उपस्थित जनप्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए अलग-अलग प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इस पर बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले के तहत किसान अगर खेत में पराली जलाए तो उन्हें मिलने वाली किसान सम्मान निधि से वंचित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पराली का जलना वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बनता है। जिसे लेकर सरकार काफी सख्त है। यह फैसला प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है। अगर कोई पराली जलाते पकड़ा जाता है, तो इसमें एक एकड़ तक के जमीन के लिए ढाई हजार रुपए जुर्माना है, और एक एकड़ से ऊपर होने पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिले का वायु आंकलन किया है। दीपावली के बाद हवा में प्रदूषण की कमी देखने को मिली है।

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