आजमगढ़ : बिना निर्माण पूर्ण कराए ही 233.95 लाख का भुगतान, घालमेल

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धार्मिक स्थल पर विकास कार्य के नाम पर कार्यदायी संस्था ने किया बड़ा खेल
आजमगढ़। भारत दर्शन योजना के तहत रानी की सराय के अवंतिकापुरी आंवक में कई विकास कार्य कराए जाने थे। जिसके नाम पर कार्यदायी संस्था ने बड़ा खेल किया है। बिना निर्माण पूर्ण कराए ही 233.95 लाख का भुगतान कर लिया गया है। इतना ही नहीं कार्यदायी संस्था ने 31 दिसंबर 2020 को पूर्ण कराते हुए पांच नवंबर वर्ष 2021 को अध्यक्ष प्रबंध समिति राजा जंमेजय पावन यज्ञ शक्ति अवंतिकापुरी आवंक को हैंडओवर कर दिया है।
रानी की सराय ब्लाक से महज छह किमी की दूरी पर स्थित अवंतिकापुरी धाम ऐतिहासिक दंत कथाओं को समेटे हुए है। ऐसी मान्यता है कि राजा परिक्षित को तक्षक सर्प द्वारा डंसने की वजह से मौत हो गई। इस बात से नाराज राजा जन्मेजय ने नाग यज्ञ इसी स्थान पर करवाया था। 84 बीघे में हवन कुंड आज सरोवर के रुप में विद्यमान है। प्रत्येक कार्तिक पूर्णिमा और चैत्र रामनवमी के दिन वर्ष में दो बार इसी सरोवर में विशेष स्नान मेला लगता है। शासन के निर्देश पर अवंतिकापुरी आंवक में भारत सरकार के अध्यात्मिक परिपथ-1 योजना के तहत वर्ष 2017-18 के अंतर्गत टॉयलेट ब्लॉक, पाथ-वे, घाट, रेन सेल्टर, बाथिंग एंड चैंजिंग रूम, पौधरोपण व लैंडस्केपिंग, अप्रोच रोड, सोलर लाइट, बैंचेज व डस्टबिन आदि कार्य कराए जाने थे। यहां कई ऐसे कार्य हैं जो अभी तक अधूरे पड़े हैं। कुछ हुए भी हैं तो वह गुणवत्ताहीन हैं। इसे लेकर आंवक के ही निवासी ज्ञानेंद्र विश्वकर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि भारत दर्शन योजना के तहत अवंतिकापुरी आंवक के विकास कार्यों के लिए आवंटित बजट दो करोड़ 46 लाख रुपये का घालमेल किया गया है। उसकी जांच रिपोर्ट भी मांगी गई थी। जिसे लेकर क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी गोरखपुर व आजमगढ़ मंडल गोरखपुर के रविंद्र कुमार ने पत्र जारी किया। जिसमें लिखा गया है कि भारत सरकार की कार्यदायी संस्था टीसीआईएल लिमिटेड द्वारा कुल 233.95 लाख से टॉयलेट, ब्लॉक, पाथ-वे, घाट, रेन सेल्टर, बाथिंग एंड चैंजिंग रूम, पौधरोपण व लैंडस्केपिंग, अप्रोच रोड, सोलर लाइट, बैंचेज व डस्टबिन आदि कार्य 31 दिसंबर 2020 को पूर्ण कराते हुए अध्यक्ष प्रबंध समिति, राजा जंमेजय पावन यज्ञ शक्ति, अवंतिकापुरी आंवक को पांच अक्टूबर 2021 को हस्तांतरित कर दिया गया है। उक्त हस्तांतरण के बाद उक्त कार्यों के रख-रखाव का उत्तरदायित्व हस्तांतरण प्राप्त करने वाली संस्था का है। जबकि रैंन बसेरा का फर्स नहीं बना है। लाइट एक भी नहीं जल रही है।

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