आजमगढ़: डीएम सहित तीन अधिकारियों को गुमराह कर लाखों का फर्जी भुगतान

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बीएसए कार्यालय के तीन कर्मचारियों को आरोपित कर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

आजमगढ़। बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारियों द्वारा बीएसए, सीडीओ, डीएम तक को गुमराह कराकर लाखों रुपये का फर्जी भुगतान करा लिए हैं। सरकारी स्कूलों में पुस्तक पहुंचाने के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया है। यह क्रम बीते तीन सत्र से लगातार चल रहा। मामला संज्ञान में आने पर बीएसए कार्यालय में तैनात एक लिपिक ने मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक सहित अन्य को पत्र भेजकर शिकायत किया है। शिकायतकर्ता शिवदयाल निषाद हैं। वह बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात हैं। शिवदयाल द्वारा जांच के लिए शासन को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया कि बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारियों द्वारा साल 2021 में सरकारी स्कूलों तक पुस्तक पहुंचाने में कुल 13 लाख रुपये खर्च हुआ है। जबकि अधिकारियों को गुमराह करके 26 लाख रुपये का भुगतान करा लिए। जबकि साल 2022 में सरकारी स्कूलों में पुस्तकों के पहुंचाने पर 16 लाख रुपये का भुगतान कराया गया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि विद्यालय वही, जगह वही पर किराया कैसे अधिक हो गया। इसके अलावा साल 2019 में पुस्तक वितरण का किराया छह लाख रुपये हुआ था। जबकि भुगतान 15 लाख रुपये का कराए हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि साल 2019 में हुए फर्जी भुगतान के मामले की जांच में एक अधिकारी दोषी पाए गए। धन रिकवरी का आदेश हुआ। लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल उन्हें ट्रांसफर करके मूल पद पर भेज दिया गया।बीएसए अतुल कुमार सिंह ने कहा कि एक बार जांच हुई थी दोषी पाए जाने वालों कोउनके मूल पद पर भेज दिया गया था, रिकवरी नहीं हुई है। उसके बाद की जानकारी नहीं है।

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