आजमगढ़: अपनी घड़ी का इंतजार कर रहा है घंटाघर

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काफी समय से चारों घड़ियां चार समय पर चल रही हैं बंद

जिले में प्रवेश होते ही ‘नगर पालिका’ की समय सारिणी कर देती है भौचक्का
आजमगढ़। नगर के सिविल लाइन चौराहे पर बने घंटाघर में लगी चारों घड़ियां अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहीं हैं। घंटाघर में लगी चारों विशालकाय घड़ियां चार समय बताते हुए काफी समय से बंद चल रही हैं। घंटाघर अपनी दुर्दशा को सुधरने की घड़ी का इंतजार कर रहा है। नगर पालिका प्रशासन की नजर कभी भी इस घंटाघर पर नहीं पड़ती। जिले में प्रवेश होते ही ‘नगर पालिका’ की समय सारिणी भौचक्का कर देती है। इसे नगर पालिका की गुस्ताखी कहें या नादानी। नगर के इस प्रमुख चौराहे से होकर दीवानी न्यायालय, कलेक्ट्रेट, रोडवेज, रेलवे स्टेशन सहित शहर में लोग आते-जाते हैं। लोगों के बीच यह बात भी चर्चा में आ रही है कि कहीं घंटाघर नगर पालिका के भ्रष्टाचार का शिकार तो नहीं हो गया है।

बता दें कि 2014-15 में करीब 15 लाख की लागत से निवर्तमान नगर पालिका चेयरमैन इन्दिरा देवी जायसवाल द्वारा इस घंटाघर का निर्माण करवाया गया था। उनके कार्यकाल में नगर सभी चौराहों के सौन्दर्यीकरण को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के विकास कार्य कराये गये। चौराहे पर लगे फौव्वारों ने नगर पालिका आजमगढ़ के स्वरूप को ही बदल दिया। आज देख-रेख के अभाव में चौराहों पर लगे फौव्वारे मृतप्रायः बने हुए हैं।  इस बावत नगर पालिका चेयरमैन से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो हमेशा की तरह उनका फोन नहीं उठ सका। 

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