ओपी राजभर की विदाई से सपा को फायदा, अखिलेश य़ादव के नजदीक आए ये दो दल

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लखनऊ। ओपी राजभर की सुभासपा के समाजवादी पार्टी गठबंधन से अलग होने के फायदे और नुकसान का आंकलन शुरू हो चुका है। इस बीच पहले इस गठजोड़ में रहे दो क्षेत्रीय दल सपा से नजदीकी बनाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सपा के साथ मिलकर पिछला राज्य विधानसभा चुनाव लड़ चुके जनवादी पार्टी-सोशलिस्ट और महान दल ने चुनाव में सफलता नहीं मिलने के बाद गठबंधन से नाता तोड़ लिया था। अब सुभासपा के सपा से अलग होने के बाद, अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं में कुछ असर रखने वाली जनवादी पार्टी-सोशलिस्ट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रशंसा कर रही है।
महान दल ने भी अखिलेश की तारीफ करते हुए सपा गठबंधन में दोबारा शामिल होने इच्छा जाहिर की है, हालांकि इसके लिए शर्त यह है कि सपा से स्वामी प्रसाद मौर्य को बाहर निकाला जाए। जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय चौहान ने पीटीआई भाषा से बातचीत में कहा कि हम अखिलेश के साथ हैं और रहेंगे। चौहान ने पिछले महीने हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में अखिलेश पर पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह सपा के साथ गठबंधन बनाए रखने पर पुनर्विचार करेंगे। लेकिन अब उनका लहजा बदल गया है।
इस सवाल पर कि क्या हाल ही में उनकी सपा अध्यक्ष के साथ बैठक हुई है? चौहान ने कहा कि हम बैठक करते रहते हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने के कार्यक्रमों पर चर्चा करते हैं। हम सितंबर में लखनऊ में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेंगे। चौहान ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की आलोचना करते हुए कहा कि राजभर की कोई विचारधारा या सिद्धांत नहीं है। वह एक परजीवी प्राणी हैं और व्यक्तिगत हित के लिए राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि राजभर सोचते थे कि अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनेंगे इसलिए वह सपा के साथ आ गए। ऐसा नहीं हुआ इसलिए अब वह भाजपा में अपना हित देख रहे हैं। अगर सपा ने उनके बेटे को विधान परिषद सदस्य बना दिया होता तो वह कुछ और समय तक गठबंधन में बने रहते।
नोनिया चौहान नामक अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले चौहान ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर चंदौली सीट से लड़ा था और बहुत कम अंतर से पराजित हुए थे। उन्हें करीब पांच लाख वोट मिले थे। प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी में नोनिया और उससे जुड़ी जातियों के करीब 2.3 फीसदी मतदाता हैं। इस बीच, पूर्व में सपा गठबंधन छोड़ गए महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें अखिलेश यादव से कोई शिकायत नहीं है और ना ही वह उनकी राजनीति से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक तरफ भाजपा है और दूसरी तरफ अखिलेश यादव। कांग्रेस का कोई मतलब नहीं रह गया है, वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रही हैं।ं

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