कई जिलाधिकारियों पर लटकी तलवार

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सीएम योगी ने दिया कड़ी कार्रवाई का निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ जिलों में जिलाधिकारियों द्वारा कोरोना वारियर्स के परिजनों को अनुमन्य राहत सहायता न दिए जाने पर सख्त नाराज़गी जताई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे जिले में जहां परिजनों के आवेदन लंबित हैं, उनके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री बुधवार को टीम-9 की बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोविड संक्रमण के कारण असमय काल-कवलित हुए कोरोना वॉरियर्स के परिजनों के लिए अनुमन्य राहत सहायता संबंधी आवेदनों की जनपदवार समीक्षा की। इसके साथ ही निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी निरंतर समीक्षा की जाए। उन्होंने सख्त नाराज़गी जताते हुए कहा कि जिस भी जिले में आवेदन लंबित पाए जाएंगे, जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। यह संवेदनशील विषय है। ऐसे प्रकरणों को मानवता के आधार पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था की उदासीनता और अवस्थापना सुविधाओं के अभाव में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के 40 से अधिक पैरामेडिकल प्रशिक्षण केंद्र वर्ष 1989 से बंद थे। युवाओं की जरूरत को देखते हुए सभी जरूरी अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ राज्य सरकार इनका दोबारा संचालन शुरू करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि इस वर्ष वृक्षारोपण जन आन्दोलन के प्रथम दिन 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य पूर्ण हो गया। बुधवार को दूसरे दिन अब तक ढाई करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। इस पुनीत कार्य में सहभागी सभी लोगों को हार्दिक बधाई! इन पौधों की सुरक्षा करना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा रही है। तमाम वनस्पतियों में औषधीय गुण होते हैं। जैसे आंवला तो पूर्णतः औषधि है, जामुन की गुठली तक उपयोगी होती है। अजवाइन उदर विकार के निदान में सहायक है। सभी में कुछ न कुछ गुण हैं। पौधारोपण करते समय ऐसी वनस्पतियों का रोपण किया जाना चाहिए। औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण, इनके उत्पाद से औषधि तैयार करने, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए ठोस प्रयास किया जाए। स्थानीय जनता को इससे जोड़ा जाए। आयुर्वेदिक औषधि निर्माता संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बदले औद्योगिक माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में देश-दुनिया के उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक नई औद्योगिक नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल नीति और बेहतर वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक नीति तैयार की जाए। जरूरत पड़ने पर उन्हें संशोधित कर नवीन नीतियों को तैयार किया जाए। ऐसा करते समय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी परामर्श करना चाहिए।

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