कार्यकर्ताओं से बैठक के बाद टिकट को लेकर बोले अखिलेश

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विधानसभा चुनाव में हार पर किया मंथन
लखनऊ। सपा की हार में उन लोगों का बड़ा योगदान था, जिनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। आवेदकों की नाराजगी विधानसभा चुनाव, 2022 में पार्टी को भारी पड़ी है। तय किया गया कि आगे से चुनाव में पार्टी आवेदन नहीं लेगी, बल्कि सीधे उम्मीदवार घोषित करेगी।
यहां तक कि उम्मीदवार का चयन और आधिकारिक घोषणा भी 6 महीने पहले ही कर दिया जाएगा। जिससे चुनाव प्रचार और जनता के बीच जाने का पर्याप्त मौका मिले। शनिवार को सपा मुखिया ने करीब ढाई घंटे तक हारे हुए प्रत्याशियों के साथ बातचीत की। इसमें यह बात निकली कि टिकट न पाने वालों ने पार्टी को जिताने की जगह हराने का प्रयास किया।
एक प्रत्याशी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि एक-एक विधानसभा से 9 से 10 लोगों ने अप्लाई किया था। अब जिनका टिकट कटा, उन्होंने नाराज होकर पार्टी के खिलाफ ही काम करना शुरू कर दिया। कुछ लोग शांत होकर बैठ गए और इसका नुकसान पार्टी को हुआ।
पार्टी मुखिया ने हारे हुए प्रत्याशियों को आश्वासन दिया है कि वह अगले चुनाव की तैयारी करे। उनका टिकट नहीं बदला जाएगा। अगर किसी प्रत्याशी का टिकट बदला भी जाता है तो उनसे सहमति लेने के बाद भी कुछ होगा।
प्रत्याशियों ने बताया कि पार्टी की तरफ से उनको जो बस्ता मिला था, उसमें और पोलिंग बूथ के बस्ते में बड़ा अंतर था। हर बूथ पर कम से कम 50 लोग ऐसे थे, जिनका वोटर लिस्ट में नाम था। उनको बीएलओ की तरफ से पर्ची भी घर पर पहुंचाई गई थी। लेकिन जब वह वोट डालने के लिए पहुंचे तो बताया कि उनकी सूची में नाम नहीं है। एक विधान सभा में करीब 15 से 20 हजार वोटर ऐसे थे ,जिनका नाम कटा है। इसमें ज्यादातर वोटर यादव, मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग के थे।
प्रत्याशियों ने सपा मुखिया को बताया कि कई सीट पर काउंटिंग में भी खेल हुआ है। जिसकी वजह से वह चुनाव जीत कर भी हार गए थे। इसको लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई लेकिन उनको इससे कोई फायदा नहीं मिला।

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