योगी सरकार ने आजम खान को बताया आदतन अपराधी

Youth India Times
By -
0

सुप्रीम कोर्ट में किया अंतरिम जमानत का विरोध, जानिए क्या कहा सुप्रीम कोर्ट
लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद सपा विधायक आजम खान की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि आजम खान को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम खान की अंतरिम जमानत देने का विरोध किया है। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा कि आजम खान आदतन अपराधी और भू-माफिया हैं। उनके खिलाफ नया मामला फर्जी दस्तावेज से स्कूल को एनओसी दिलाने का और केस दर्ज करने वाले अधिकारी को धमकाने का है। फर्जी दस्तावेज से स्कूल को एनओसी दिलाने और केस दर्ज करने वाले अधिकारी को धमकाने का है। इस पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) राजू ने कहा कि आजम खान का जब बयान दर्ज किया जा रहा था, तब उन्होंने जांच अधिकारी को धमकी दी है। इस दौरान एएसजी ने आजम खान द्वारा अधिकारियों को दी गई धमकी कोर्ट रूम में पढ़ी। एएसजी ने बताया, आजम खान ने कहा था कि मैं अभी मरने वाला नहीं हूं। मेरी सरकार आएगी तो एक-एक का बदला लूंगा और तुम्हें भी इस जेल में आना होगा। मेरी सरकार आने दो देखो क्या हाल करता हूं, जिस एसडीएम ने मेरे खिलाफ मुकदमा किया उसको छोडूंगा नहीं, मेरी सरकार आने दो। इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह धमकी नहीं है, यह तो नेता रोज कहते हैं। आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह दो साल से जेल में हैं। उन्हें अब जमानत दे दी जानी चाहिए। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हम आजम खान की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। आजम खान के खिलाफ दर्ज हुए हालिया एफआईआर को लेकर यूपी सरकार ने बताया कि श्वर्ष 2020 में मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। आजम खान का नाम इसमें 2022 में जोड़ा गया है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में आजम खान का नाम जोड़ने के लिए शिकायतकर्ता ने दो साल का समय क्यों लगाया? इस दौरान आजम खान के वकील सिब्बल ने कहा यह एफआईआर तब दर्ज हुई जब आजम जेल में थे। इससे पहले 11 मई को आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि आजम को बेल मिलते ही नया केस कैसे दर्ज हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल पूछा था कि ऐसा क्यों हो रहा है? एक केस में जमानत मिलने के बाद नया केस दर्ज हो जाता है। एक के बाद एक 89 केस दर्ज हो गए हैं। इस पर यूपी सरकार के वकील ने कहा- ऐसा कहना ठीक नहीं होगा। ये सब फर्जी केस नहीं हैं। हम इसे लेकर हलफनामा दाखिल करेंगे। कोर्ट ने सरकार को हलफनामा दायर करने को कहा था। बता दें कि 10 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खान को बड़ी राहत मिली थी। उन्हें वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर कराने के मामले में जमानत मिली थी। आजम खान के खिलाफ अब तक 88 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से 87 मुकदमों में उन्हें अलग-अलग अदालतों से जमानत मिल चुकी है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)