मऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नोटिस जारी

Youth India Times
By -
0


एसीजेएम/ एमपी एम एल कोर्ट के आदेश के विरूद्ध जिला जज की कोर्ट मे निगरानी दाखिल, सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत
रिपोर्ट-राहुल पाण्डेय
मऊ। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी के आदेश के विरुद्ध दाखिल निगरानी को एडमिट करते हुए विपक्षी संख्या दो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया। साथही मामले मे सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत किया। मामले के अनुसार दोहरीघाट थाना क्षेत्र के कस्बा दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा पुत्र देवनाथ शर्मा ने एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें मुख्यमंत्री अजय सिंह विष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ महंत गोरक्षपीठ को आरोपी बनाते हुए विचारण के लिए तलब करने का अनुरोध किया था। उसका कथन है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति एवं देश के गौरव मुख्यमंत्री एवं हिंदुओं के आस्था के केंद्र गोरक्षपीठ के महंत हैं। उनका बोलना भाषण देना वक्तव्य देना देश, प्रदेश तथा प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। साथ ही लोग इस पर आस्था व विश्वास भी रखते है। आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सार्वजनिक सभा में 28 नवंबर 2018 को अलवर जिले के मालाखेड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं बनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। इनके इस भाषण से परिवादी के धार्मिक भावनाओं को ठेस एवं आघात पहुंचा है। साथही इष्ट देव श्री बजरंगबली में श्रद्धा रखने वाले समुदायों की आस्था को उनके द्वारा आहत पहुंचाई गई है। सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद 11 मार्च को परिवाद खारिज कर दिया। अपने आदेश में लिखा कि विपक्षी द्वारा राजस्थान राज्य के अलवर जिले के मालाखेड़ा स्थान पर वक्तव्य दिया गया है। घटना का स्थल राजस्थान राज्य में स्थित है। जनपद मऊ में इस न्यायालय को प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। इस आदेश के विरूद्ध नवलकिशोर शर्मा ने मंगलवार को जिला जज की कोर्ट मे निगरानी दाखिल किया।

Tags:

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)