स्‍वामी के साथ गए अमर सिंह सपा में भी नहीं टिके, अब्‍दुल कलाम के छलके आंसू

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सिद्धार्थनगर। नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को चुनावी सियासत के कई रंग देखने को मिले। शोहरतगढ़ सीट से अपना दल (एस) से विधायकी जीतने वाले अमर सिंह चौधरी सपा में भी ज्यादा दिन नहीं ठहर पाए। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में शामिल होने वाले अमर को पहले पार्टी ने बांसी से टिकट दिया। पार्टी नेताओं के विरोध और समीकरणों के चलते सपा ने प्रत्याशी बदल दिया। घर के रहे न घाट के वाली स्थिति में पहुंचने से पहले विधायक ने सपा को भी छोड़ कर आजाद समाज पार्टी में ठौर तलाश ली और नामांकन भी दाखिल कर दिया है। उधर, देवरिया के रुद्रपुर में निर्दल नामांकन करने पहुंचे प्रदीप यादव सपा का टिकट कटने से फफक पड़े। बोले-इसी तरह पार्टी ने पिछली बार भी उनका टिकट काटा था। टिकट कटने की पीड़ा संतकबीरनगर के अब्दुल कलाम की भी छलक पड़ी। उन्होंने कहा कि न तो वह बिकाऊ हैं न ही उनकी कौम। इसी तरह का दर्द महराजगंज की फरेंदा सीट से घोषित प्रत्याशी बदलने जाने का दर्द परशुराम निषाद को भी है। अब वहां पूर्व मंत्री शंखलाल माझी पर सपा की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी है।
शोहरतगढ़ सीट गठबंधन में शामिल सुभासपा के खाते में जाने के बाद सपा ने दल बदल कर आए अमर सिंह को बांसी से टिकट दिया था। हालांकि बाद में उसे भी होल्ड कर दिया। गुरुवार को अमर सिंह चौधरी ने प्रस्तावक के जरिए शोहरतगढ़ सीट से निर्दल पर्चा भरा था। शुक्रवार को उन्होंने चंद्रशेखर की पार्टी आजाद समाज पार्टी से फिर नामांकन दाखिल किया।
चौधरी अमर सिंह ने 2010 में पहली बार बर्डपुर नंबर एक से प्रधान चुने गए थे। 2012 में वह सबसे पहले राजबब्बर के जनमोर्चा से जुड़े। इसके बाद वह बसपा में जाकर शोहरतगढ़ विधानसभा के प्रभारी बन गए थे लेकिन पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने 2016 में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। कुछ ही दिनों में भाजपा से अलग होकर वह अपना दल में चले गए और शोहरतगढ़ सीट से भाजपा से गठबंधन होने पर अपना दल के 2017 में उम्मीदवार बने। किस्मत ने साथ दिया और वह विधायक चुन लिए गए। विधायक चुने जाने के बाद वह भाजपा से गठबंधन में खुद को असहज महसूस करने लगे। उन्होंने सत्ता में रहने के साथ ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। चुनाव से ठीक पहले वह सपा में शामिल हो गए थे। माना जा रहा था कि शोहरतगढ़ से सपा उन्हें उम्मीदवार बनाएगी लेकिन आठ जनवरी को जारी सूची में उन्हें बांसी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया। बताया जा रहा है कि अमर सिंह बांसी से भी चुनाव लड़ने को तैयार थे, लेकिन सपा ने दूसरे ही दिन टिकट को होल्ड कर दिया। इसके बाद अमर सिंह का टिकट काटकर बांसी से मोनू दुबे को उतार दिया गया। सपा से मामला खत्म होने के बाद उन्होंने शुक्रवार को अंतिम क्षणों में आजाद समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर उसके सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल कर दिया।
नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दौर में सपा ने महराजगंज की फरेंदा सीट पर प्रत्याशी बदल दिया है। फरेंदा से दो दिनों पहले प्रत्याशी घोषित किए गए परशुराम निषाद की जगह अब पूर्व मंत्री शंखलाल माझी पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए हैं। सपा जिलाध्यक्ष आमिर हुसैन ने शुक्रवार की सुबह सोशल मीडिया पर औपचारिक घोषणा की। बताया कि पूर्व मंत्री शंखलाल माझी फरेंदा से पार्टी प्रत्याशी होंगे। दिन में 12 बजे नामांकन करने की जानकारी भी जिलाध्यक्ष ने ही सोशल मीडिया पर सार्वजनिक की।

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