आजमगढ़: प्रशांत सिंह अतरौलिया सीट से भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी

Youth India Times
By -
0

भाजपा से गठबंधन में निषाद पार्टी के खाते में गई अतरौलिया सीट
आजमगढ़। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी ने प्रदेश के चार प्रत्याशियों के नामों की घोषणा देर रात की है। जिले की अतरौलिया सीट से बड़ी संख्या में भाजपा के दावेदार थे पर यह सीट गठबंधन के पाले में जा चुकी है। जिले की अतरौलिया सीट से निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने इंजीनियर प्रशांत कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। गठबंधन प्रत्याशी प्रशांत सिंह का सीधा मुकाबला सपा के नेता संग्राम यादव से होना माना जा रहा है।
राजनीतिक रूप से आजमगढ़ जिले की अतरौलिया विधानसभा की सीट महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री बलराम यादव का वर्चस्व रहा है। यह अलग बात है कि वह लगातार इस सीट पर कब्जा करने में नाकाम रहे। वर्ष 2012 में उन्होने यह सीट अपने पुत्र संग्राम सिंह यादव के लिए छोड़ दिया। संग्राम यादव यहां से पहली बार चुनाव लड़े और विजयी हुए। वर्ष 2017 के चुनाव में संग्राम यादव, भाजपा के कन्हैया निषाद और बसपा से पूर्व ब्लाक प्रमुख अंखड प्रताप सिंह चुनावी मैदान में उतरे। चुनाव परिणाम आने पर संग्राम यादव को 74276 मत मिला भाजपा के कन्हैया निषाद को 71809 तो बसपा से पूर्व प्रमुख अंखड प्रताप सिंह 56536 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। अब यह सीट गठबंधन के पाले में गई तो यहां से भाजपा से टिकट की आस लगाए बैठे नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
जिले की अतरौलिया विधानसभा सीट सवर्ण और निषाद बाहुल्य है। तीन माह पूर्व जिले के दौरे पर आए निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने कहा था कि उनकी पार्टी की नजर अतरौलिया सीट पर है और गठबंधन में यह सीट अगर उनके खाते में जाती है तो निषाद पार्टी जीत का परचम अवश्य लहराएगी। अब जबकि यह सीट निषाद पार्टी को मिल ही गई है तो इस सीट पर जीत दर्ज करना चुनौती है। वैसे इस अतरौलिया विधानसभा सीट पर जेल में बंद बाहुबली अखंड प्रताप सिंह की भी नजर थी। इस सीट पर नजर रखने का कारण यह था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अखंड प्रताप सिंह इस सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। चुनाव में भले ही वह तीसरे स्थान पर थे पर इस सीट पर निषाद पार्टी के बहाने इस बार अपनी पत्नी को यहां से चुनाव लड़ाना चाहते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए एक माह पूर्व अपनी पत्नी वंदना सिंह को निषाद पार्टी की सदस्यता भी दिलवाई थी। अखंड प्रताप सिंह जेल में बंद हैं। ऐसे में अपनी पत्नी को निषाद पार्टी से अतरौलिया सीट से चुनाव लड़ाना चाहते थे, पर वंदना सिंह टिकट पाने में कामयाब न हो सकीं।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)