आजमगढ़: एसपी ने लापरवाही पर तीन विवेचकों के विरुद्ध दिए जांच के आदेश

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पुलिस अधीक्षक ने गुमशुदा बच्चों से संबंधित पंजीकृत अभियोगों के विवेचकों के साथ की गोष्ठी

2020 के आंकड़ों के अनुसार गायब हैं 18 साल तक के 74 बच्चे
आजमगढ़। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य द्वारा जनपद में अपराध नियंत्रण के उद्देश्य से गुमशुदा बच्चों से संबंधित पंजीकृत अभियोग की विवेचना के बारे में विवेचकों के साथ गोष्ठी की गई। लम्बित अभियोगों की निष्पक्ष व त्वरित विवेचना किए जाने हेतु उपस्थित विवेचकों को निर्देशित किया गया। विवेचना में लापरवाही बरतने पर तीन विवेचकों के विरुद्ध प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए।
गंभीरपुर थाना क्षेत्र में साढ़े चार साल की बच्ची का रेप के बाद हत्या कर दी गई। गुरुवार को पुलिस ने इस घटना का खुलासा किया। इस घटना के बाद लोगों में अपने मासूम बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता के भाव उभर आए हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक बीते दो साल में कुल 23 बच्चे अब तक लापता हैं। पुलिस उन्हें खोजने में नाकाम साबित हो रही।
साल 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो 18 साल से कम उम्र के बालक और बालिका मिलाकर कुल 74 गायब हुए थे। इनके परिवार वालों की तरफ से थाने में केस दर्ज कराई गई थी। जिसमे से पुलिस ने 64 लापता बच्चों को खोज निकाला। जबकि 10 अभी भी लापता हैं। इसीक्रम में साल 2021 में 30 दिसंबर तक कुल 84 मुकदमे गुमशुदगी के दर्ज किए गए। जिसमें से 71 बच्चों को ढूंढ लिया गया। जबकि 13 बच्चे अभी भी लापता हैं। इस प्रकार से इन दो साल में कुल 23 बच्चे अभी भी लापता हैं। इन बच्चों की सरगर्मी से तलाश की जा रही, लेकिन कोई पता नहीं चल सका।
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि गुमशुदा की तलाश के लिए थानावार टीम गठित की गई है। घटना होने पर सर्विलांस, चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद ली जाती है। मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर फोटो अपलोड कर पूरे देश में सूचना भेजी जाती है। रेलवे स्टेशन पर जीआरपी, आरपीएफ चेक करती है। सोशल मीडिया, समाचार पत्र और दूसरे राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया जाता है। इसके अलावा मिशन स्माइल चलाया गया है। जिसके तहत लापता बच्चों को खोजकर घर वालों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास किया जाता है।

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