आजमगढ़: ‘कलियुग का कोरोना पुराण’ पुस्तक का डा. हरिहर कृपालु ने किया विमोचन

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किसी भी समस्या के समाधान हेतु विज्ञान और अध्यात्म दोनों की आवश्यकता-पद्मश्री डॉ. हरिहर कृपालु त्रिपाठी
आजमगढ़, 11 दिसंबर। आज मानव की किसी भी समस्या के समाधान हेतु विज्ञान और अध्यात्म दोनों की आवश्यकता है यदि दोनों एक साथ मिलकर काम करें तो किसी भी समस्या का समाधान असंभव नहीं है।
उक्त उद्गार संस्कृत भाषा के अद्वितीय विद्वान काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष त्रिकालदर्शी पद्मश्री डॉ. हरिहर कृपालु त्रिपाठी ने आज ‘कलयुग का कोरोना पुराण’ नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए व्यक्त किया। पुस्तक की लेखिका डॉ. प्रतिभा उपाध्याय संप्रति श्री सनातन धर्म संस्कृत कॉलेज पांडेय बाजार, आजमगढ़ में व्याकरण की विभागाध्यक्ष हैं।
डॉक्टर त्रिपाठी ने पुस्तक का विमोचन करते हुए कहाकि लेखिका ने विज्ञान और अध्यात्म दोनों के संजोग से कोरोना जैसी असाध्य बीमारी को परास्त कर मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के स्वयं के अनुभव को पुस्तक के रूप में जनसामान्य के लिए प्रस्तुत किया है जो लोगों एक सराहनीय कार्य है। यह पुस्तक निश्चित रूप से लोगों के आत्मबल को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कामना व्यक्त की कि यह पुस्तक अधिकाधिक लोगों के हाथों में पहुंचकर विज्ञान व अध्यात्म के सम्मिलन से लोगों के कल्याण में सहायक सिद्ध होगी।
पुस्तक के विमोचन पर डॉ, वेद प्रकाश उपाध्याय, डॉ. रणधीर सिंह, रामदर्शन यादव, अखिलेश मिश्रा, बृजेश पांडेय, विनय सिंह, डॉ. दिनेश सिंह, आनंद उपाध्याय, विजय कुमार देवव्रत, डॉक्टर दीपक पांडेय, रामदरस यादव, रमेश सिंह, दिवाकर तिवारी, राजेंद्र पांडेय, लल्लन तिवारी, बंशबहादुर सिंह, वीरेंद्र दुबे, कर्नल देवेंद्र पांडेय, कैलाश यादव, डॉ. धर्मेंद्र पांडेय, वीरबहादुर सिंह, रामकृपाल उपाध्याय आदि लोगों ने पुस्तक की लेखिका डॉ. प्रतिभा उपाध्याय को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं की।

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