आजमगढ़: शहर से लेकर गांव तक वेदी निर्माण में जुटे आस्थावान

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रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। दीपावली पर्व के बाद लोक आस्था के महापर्व डाला छठ को लेकर सभी तरह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में सूप, दउरी, डाला, नए परिधान व श्रृंगार के सामान समेत फलों की बिक्री शुरू हो गई है। डाला छठ का व्रत धारण करने वाली महिलाएं स्वयं नदी के घाटों पर पहुंचकर अपने-अपने वेदी निर्माण में पूरे मनोयोग से जुट गई हैं । मिट्टी से बनाई हुई वेदी पर कागजों में अपने नाम अंकित कर पूजन के लिए स्थान सुरक्षित करने का क्रम जारी है। घाटों की सीढ़ियां बनाई गई वेदियों से पट चुकी हैं। जिनको जहां जगह मिली वहीं वेदी बनाने का कार्य चल रहा है। शहर के मातबरगंज निवासी गीता जायसवाल ने बताया कि डाला छठ को लेकर हमारे पतिदेव द्वारा वेदी निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मंगलवार को नहाय-खाय से शुरू होने वाला यह महापर्व बुधवार खरना के रूप में किया जाएगा। जिसमें व्रती महिलाएं बिना अन्नजल ग्रहण किए शाम को पूड़ी और हलवा का भोग लगाती हैं। तत्पश्चात शुरू होता है खरना जिसमें महिलाएं बिना जल ग्रहण किए पूरे दिन और पूरे रात भगवान भास्कर की उपासना करती हैं। सूर्याेपासना का यह महापर्व महिलाओं के लिए बहुत कठिन होता है, लेकिन व्रती महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्याेपासना का यह व्रत बगैर अन्न-जल ग्रहण किए करती हैं। इस महा व्रत को लेकर पूरे जिले में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली पतित पावनी मां तमसा के घाटों पर साफ सफाई के साथ ही वेदी बनाने का कार्य आस्थावानों द्वारा किया जा रहा है।

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