आजमगढ़: हारी सीटों पर भाजपा की नजर

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2017 में लहर के बाद भी करना पड़ा था हार का सामना
13 को आएंगे अमित शाह, करेंगे यूनिवर्सिटी का शिलान्यास
आजमगढ़। यूपी में अगले चार महीने में विधानसभा चुनाव होना है। एक बार फिर अपनी सरकार बनाने के लिए भाजपा कई रणनीति पर एक साथ काम कर रही है। उसके निशाने पर 2017 की लहर में भी हार गईं सीटें पहले नंबर पर हैं। इन्हीं में से एक है पूर्वांचल का आजमगढ़ जिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटा होने के बाद भी आजमगढ़ में भाजपा को लगातार हार का मुंह देखना पड़ रहा है।
आजमगढ़ में हार का सिलसिला तोड़ने के लिए ही सीएम योगी का लगातार दौरा हो रहा है। 13 नवंबर को गृहमंत्री अमित शाह आजमगढ़ आ रहे हैं। वह यहां पर यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने के साथ ही कई परियोजनाओं की सौगात देंगे। इस दौरान उनकी अकबेलपुर में जनसभा भी होगी। शुक्रवार को सीएम योगी यहां पहुंचे और अमित शाह के दौरे से संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। एक नवम्बर को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी दो दिवसीय जिले के दौरे पर आई थी और विश्वविद्यालय की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ ही 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को यहां से मायूसी ही हाथ लगी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और 2019 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की दस में से केवल एक सीट ही भाजपा जीत सकी थी। पांच सीटों पर सपा और चार सीटों पर बसपा ने विजय हासिल की थी। सीएम योगी ने अमित शाह के कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण करने के बाद सपा और अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिये कहा कि आजमगढ़ के युवकों को पहले पहचान बताने में परेशानी होती थी। अब विश्वविद्यालय यहां के युवकों की पहचान बनेगी। पहले आजमगढ़ का नाम बताने पर किराए का रूम नहीं मिल रहा था। उस आजमगढ़ जिले की अब पहचान बदल रही है। आने वाले कुछ दिनों में यहां के बच्चे अपने जिले में ही उच्च शिक्षा पा सकेंगे। मंदुरी हवाई अड्डे से उड़ान शुरु होने पर आजमगढ़ अन्य राज्यों से भी जुड़ जाएगा।

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